Naxalism

पुलिस ने इस घटना के बाद ग्रामीणों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अवैध तरीके से अपने पास हथियार रखा और प्रतिबंधित क्षेत्र में शिकार के लिए गोली (Firing) चलाई।

आज के तकनीक के इस दौर में 15 लाख का इनामी नक्सली रामप्रसाद मार्डी उर्फ सचिन, मदन व आकाश का दस्ता दोनों राज्यों की पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है।

सुरक्षाबलों के जवान नक्सल प्रभावित उन इलाकों तक भी पहुंच गए हैं, जहां पहुंचना पहले बहुत मुश्किल था। अब दंतेवाड़ा के कुछ ही इलाके ऐसे बचे हैं, जहां जवान नहीं पहुंच पाए हैं।

मिलिशिया प्लाटून का स्वयंभू सेक्शन कमाण्डर 32 वर्षीय कोरसा लच्छु और 29 वर्षीय उसकी पत्नी कोरसा अनिता ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है।

सरेंडर करने वाले मिलिशिया सदस्य नक्सलियों धुरबेड़ा निवासी कमलू ध्रुवा, मालू ध्रुवा, गट्टाकाल निवासी राकेश उसेण्डी और गोमागाल डेंगलपुट्टीपारा निवासी हिड़मे कवाची शामिल हैं।

छानबीन में पुलिस ने पाया गया कि जिस नंबर से सभी लोगों को फोन कर धमकी दी गई, वो फोन गांव के ही एक व्यक्ति से चुराई गई थी।

कुछ दिन पहले सेरेंगदाग घाटी में पुलिस गश्ती टीम को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों ने गोलीबारी की थी, जिसमें तीन पुलिस कर्मी जख्मी हुए थे, उसमें भी नक्सली उदय (Naxali) शामिल था।

एक लाख का इनामी मिलिशिया कमांडर 29 वर्षीय नक्सली बोटी उर्फ भीमा वेट्टी अपने तीन साथियों के साथ लोन वर्राटू अभियान के तहत सरेंडर किया।

एसपी के अनुसार, इस मुठभेड़ में कुछ नक्सली भी घायल हुये हैं, जिन्हें उनके साथी अपने साथ भगा ले गये। जिनकी तलाश में आसपास के इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

नक्सली (Naxali) सुखदेव मुर्मू चकाई थाने में दर्ज अपराध संख्या 17/18 अवैध हथियार, गोली, नक्सली साहित्य रखने के मामले का आरोपी है।

आदिवासी, नक्सलियों (Naxalites)  की बातों में आ जाते हैं और उनके मददगार बन जाते हैं। नक्सलियों की ताकत जंगलों के भीतर और पिछड़े इलाकों में रहने वाले लोग ही हैं, जिनसे उन्हें सबसे अधिक सहयोग मिलता है।

एसपी ने घटना की पुष्टि करते हुये बताया कि हमारे जवानों के हाथ बड़ी सफलता लगी है। एनकाउंटर के बाद की छानबीन के दौरान सुरक्षाबलों को बड़ी संख्या में हथियार और गोलाबारूद हाथ लगा है।

फरार आरोपी पहले कई नकसली गतिविधियों में लिप्त रहा है। इस पूर्व नक्सली (Naxali) की  गिरफ्तारी के लिए पुलिस चिह्नित जगहों पर लगातार छापेमारी कर रही है।

घटनास्थल से पुलिस ने 2 हथियार, 5 किलो का IED, हैंड ग्रेनेड बम और नक्सलियों के कैम्प में इस्तेमाल होने वाली सामग्री बरामद किया है।

सुरक्षाबलों की ये टीम जंगल पहुंची तो  पीएलएफआई नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग शुरु कर दिया लेकिन सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई के बाद नक्सली घने जंगलों का फायदा उठाकर फरार हो गये।

नक्सली अशोक पर 2015 में मोतीपुर इलाके में हाईवे निर्माण काम में लगी एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के कैंप पर विध्वंसक घटना को अंजाम देने में अशोक शामिल था।

धमकी देने के लिए आनंदी ने मृत व्यक्ति के नाम के सिम कार्ड इस्तेमाल किया। पुलिस ने इस मामले में सुमेश्वर यादव को हिरासत में ले लिया है। साथ ही कांड के मुख्य आरोपी आनंदी यादव की तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही है।

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