छत्तीसगढ़: 15 गांव के लोगों के लिए बेहद खास होगा स्वतंत्रता दिवस, नक्सलवाद से होंगे मुक्त

ये वे गांव हैं, जहां कभी नक्सलियों (Naxalites) का वर्चस्व था और लोग डर के साये में जीते थे। लेकिन अब यहां के ग्रामीण एक नई जिंदगी जिएंगे, जहां उन्हें जिंदगी जीने की पूरी आजादी मिलेगी।

Naxalites

सांकेतिक तस्वीर

नेशनल हाइवे 63 के किनारे बसे तुमनार गांव के ग्रामीण बताते हैं कि इस इलाके में नक्सलियों (Naxalites) का इतना प्रकोप था कि लोग शाम 7 बजे के बाद घर से बाहर नहीं निकलते थे।

दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के 15 गांव के लोगों के लिए स्वतंत्रता दिवस इस बार बेहद खास होगा। ये सारे गांव नक्सलवाद से मुक्त हो जाएंगे और इस बात की ऑफीशियल घोषणा भी होगी।

बता दें कि ये वे गांव हैं, जहां कभी नक्सलियों (Naxalites) का वर्चस्व था और लोग डर के साये में जीते थे। लेकिन अब यहां के ग्रामीण एक नई जिंदगी जिएंगे, जहां उन्हें जिंदगी जीने की पूरी आजादी मिलेगी।

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नेशनल हाइवे 63 के किनारे बसे तुमनार गांव के ग्रामीण बताते हैं कि इस इलाके में नक्सलियों (Naxalites) का इतना प्रकोप था कि लोग शाम 7 बजे के बाद घर से बाहर नहीं निकलते थे। इस गांव की आबादी करीब 2000 है। ग्रामीण बताते हैं कि नक्सलियों से हमेशा जान का खतरा बना रहता था। लेकिन 2018 के बाद से हालात सुधरे हैं।

इसी तरह सुरोखी गांव के लोग भी नक्सलियों के आतंक से पीड़ित थे। यह गांव घने जंगल और पहाड़ियों के बीच में बसा हुआ है। यहां नक्सलियों का पूरी तरह से कब्जा था और लोग डरकर जीवन जी रहे थे। लेकिन अब सड़क निर्माण होने और पुलिस के पहुंचने से हालात सुधरे हैं।

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