गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को दिया जाएगा सम्मान, यहां अंकित होगा नाम
गलवान घाटी में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के पास चीन द्वारा निगरानी चौकी बनाए जाने पर भारतीय सैनिकों ने विरोध किया। इसी बात को लेकर भारत और चीन के सैनिकों के बीच 15 जून की रात झड़प हो गई।
कर्नल वसंत वेणुगोपाल से थर-थर कांपते थे आतंकी, घायल होने के बावजूद दुश्मनों को चटाई थी धूल
आज भारतीय सेना (Indian Army) के एक ऐसे जांबाज का शहादत दिवस है जिसने आतंकियों (Terrorists) से भारत भूमि की रक्षा करते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी। उस शूरवीर का नाम है कर्नल वसंत वेणुगोपाल (Colonel Vasanth Venugopal)।
चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ सैम मानेकशॉ के नेतृत्व में लड़ा गया था 1971 का युद्ध, जानें कौन थे ये
1971 के भारत-पाकिस्तान जंग में सैम मानेकशॉ की मुख्य भूमिका रही और पाक के खिलाफ जीत हासिल की गई थी। वह युद्ध में पूरी तैयारी के साथ उतरे थे।
1965 की जंग: क्या था ऑपरेशन जिब्राल्टर? पाकिस्तान ने ऐसे बिछाई थी युद्ध की बिसात
दुश्मनों ने 8 सितंबर 1965 को खेमकरण सेक्टर के उसल उताड़ गांव पर धावा बोल दिया। ये हमला पैदल सैन्य टुकड़ी के साथ पैटन टैंक के साथ किया गया था।
भारतीय सेना में महिलाओं के लिए निकली बंपर वैकेंसी, ऐसे करें Apply
सेना ने महिला मिलिट्री पुलिस की भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी कर आवेदन मांगे हैं। नोटिफिकेशन के अनुसार भारतीय सेना में कुल 99 महिलाओं को नौकरी करने का अवसर मिलेगा।
जम्मू कश्मीर: घाटी में पाकिस्तान की नई साजिश, पढ़े-लिखे युवाओं को इस तरह कर रहा बर्बाद
सीमा पार से आतंकी घुसपैठ में सफल नहीं हो पा रहे हैं इसलिए स्थानीय पढ़े-लिखे बेरोजगार कश्मीरी नौजवानों को गुमराह करके आतंकवाद (Terrorism) के नरक में धकेला जा रहा है।
चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी, LAC पर 35 हजार सैनिकों की तैनाती करेगा भारत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों का कहना है कि भारत के इस कदम से LAC पर स्थिति बदल जाएगी।
देश सेवा का हौसला रखने वालों के लिए भारतीय सेना में जाने का मौका, निकली बंपर वैकेंसी, ऐसे करें Apply
आवेदन करने के लिए इच्छुक अभ्यर्थी की उम्र कम से कम 18 वर्ष और अधिकतम 27 वर्ष होनी आवश्यक है। इंजीनियरिंग डिग्री प्राप्त या फाइनल इयर के अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकेंगे।
भारत और पाकिस्तान के बीच पहला युद्ध क्यों और कब हुआ? यहां जानें
हरि सिंह ने देर से ही सही लेकिन भारत को कश्मीर में मिलाने के लिए हामी भरी तो देखते ही देखते भारतीय सेना कश्मीर पहुंची और दुश्मनों को भगा-भगाकर मारना शुरू किया।
राफेल: पहले भी कई देशों में इस विमान ने दुश्मनों पर बरपाया है कहर, ऐसे मचाता है तबाही
राफेल ने पहले भी कई अन्य देशों में सफल ऑपरेशन कर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया है। यह रडार को चकमा देकर सटीक निशाने पर हमला करने में सफल रहा है।
1971 भारत-पाक युद्ध: इस जवान को जिंदा रहते मिला था परमवीर चक्र, जानें इस सैन्य सम्मान की खासियतें
3 दिसंबर, 1971 को पाक एयर फोर्स ने भारत पर हमला कर दिया था। भारत के अमृतसर और आगरा समेत कई शहरों को निशाना बनाया। 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान की सेना के आत्मसमर्पण और बांग्लादेश के जन्म के साथ युद्ध का समापन हुआ।
भारत के खिलाफ पाकिस्तान रच रहा नापाक साजिश, घुसपैठ की फिराक में कई आतंकी
घाटी में अनुच्छेद 370 को हटे हुए एक साल पूरा होने जा रहा है, जिसका पाकिस्तान तमाम प्लेटफॉर्म्स पर विरोध करता रहा है।
कारगिल विजय दिवस: …जब वीर मोहम्मद असद के पास आकर गिरा बम, हाथ गंवाकर भी पीछे नहीं हटे
युद्ध के दौरान 13 जून 1999 की रात को मोहम्मद असद कभी भुला नहीं पाते। उनके पास में आकर गिरे एक बम से हुए धमाके ने उन्हें जीवन भर के लिए दिव्यांग बना दिया।
गोरखा रेजीमेंट की खुखरी और शौर्य देख कांप उठे थे पाक सेना के जवान, कारगिल में ऐसे बजाया था डंका
भारतीय फील्ड मार्शल रहे सैम मनेकशॉ ने कहा था कि 'अगर कोई यह कहता है कि उसे मरने से डर नहीं लगता तो या तो वह शख्स झूठ बोल रहा है या फिर वह एक गोरखा है।'
दुश्मनों को धूल चटाने वाली भारतीय सेना का एक दूसरा चेहरा भी है! क्या जानते हैं आप?
Indian Army: फिल्मों में भी दिखाया जाता है कि जवानों के हाथों में हथियार होता है, वो गोला-बारूद के बीच रहते हैं, आतंकवाद और देश के बाहरी दुश्मनों से लड़ते हैं। लेकिन सेना का एक दूसरा चेहरा भी है, जो फिल्मों में दिखाई जाने वाली सेना से बहुत अलग है।
गलवान घाटी: फौलादी इरादों के साथ डटी हुई है भारतीय सेना, इस चुनौती से हो सकता है सामना
सर्दियों का समय आने को है और ठंड में गलवान घाटी का तापमान शून्य से 20 से 30 डिग्री नीचे चला जाता है। इस समय सैनिकों को तमाम मुश्किलों से गुजरना पड़ता है।
लांस नायक मोहिंदर सिंह: उग्रवादियों के मशीन गन का मुंह हाथ से दबोच लिया, वीर जवान की अमरगाथा
16 सिख की दो कंपनियों ने तय किया कि वो LTTE के ठिकानों पर दो तरफ से हमला करेंगे। ब्रावो कंपनी की एक प्लाटून ने LTTE के ठिकाने पर पश्चिम दिशा की तरफ से पहुंची लेकिन उग्रवादियों ने उन पर भीषण फायरिंग शुरू कर दी।