Indian Army

सेना का कहना है कि महिलाओं को देश सेवा का अवसर देने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार...

सीजफायर तोड़ने की आड़ में पाकिस्तान, भारत में आतंकी घुसपैठ कराने की साजिश रच रहा है. इसी वजह से पाकिस्तान...

25 नवंबर 1987 को 'ऑपरेशन पवन' के दौरान जब महार रेजिमेंट की आठवीं बटालियन के मेजर रामास्वामी परमेश्वरन श्रीलंका में एक तलाशी अभियान से लौट रहे थे।

डीआरडीओ का भारत ड्रोन बहुत लोकप्रियता हासिल कर रहा है। क्योंकि यह झुंड के संचालन में काम कर सकता है। ड्रोन (Bharat Drone) को इस तरह से बनाया गया है जिससे रडार को इसे ढूंढना भी असंभव हो जाता है।

भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) प्रमुख ने इस परियोजना के लिए भारतीय निगोशिएशन टीम के प्रमुख के रूप में भारत के अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके तहत लगभग 60 हजार करोड़ रुपये के 36 राफेल (Rafale) जेट भारत आएंगे।

अबतक कई एनसीसी कैडेट ने सेना में भर्ती होकर देश का नाम रोशन किया है। एनसीसी कैडेट रहीं और फिर एयरफोर्स में अधिकारी रैंक पर तैनात हुईं।

थल सेना के प्रमुख (Army Chief) जनरल एमएम नरवणे (General MM Naravane) ने 13 जुलाई को जम्मू-पठानकोट रीजन का दौरा किया। सेना प्रमुख जम्मू में पाकिस्तान सीमा पर तैनात सैनिकों के ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया।

भारतीय सेना का बड़ा बयान सामने आया है। इंडियन आर्मी (Indian Army) की ओर से कहा गया है कि सीमा पार पाकिस्तान में बने लॉन्चपैड्स में 250 से 300 आतंकी भारतीय सीमा में घुसपैठ करने का इंतजार कर रहे हैं।

पाकिस्तान ने राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास संघर्ष विराम का उल्लंघन (Ceasefire Violation) किया, जिसमें सेना (Indian Army) का एक जवान शहीद हो गया।

दिन भर शाज़िया सिर्फ़ हूजेफ़ा को ख़त्म करवाने का प्लान बनाती। अविनाश नहीं चाहता था कि शाज़िया के घर में एनकाउंटर हो लेकिन शाजिया को तो जैसे कोई भी डर नहीं था। बस एक जुनून था उसके सिर पर।

मेजर भूपेंद्र की एक साल पहले ही उस इलाक़े में पोस्टिंग हुई थी। राष्ट्रीय राइफल्स में अल्फा कंपनी कमांडर। उनकी कंपनी बारामुला और हंडवारा के बीच एक छोटे से गांव तरागपोरा में पिछले कई सालों से तैनात थी।

मेजर भूपेंद्र की एक साल पहले ही उस इलाक़े में पोस्टिंग हुई थी। राष्ट्रीय राइफल्स में अल्फा कंपनी कमांडर। उनकी कंपनी बारामुला और हंडवारा के बीच एक छोटे से गांव तरागपोरा में पिछले कई सालों से तैनात थी।

भारत समेत घाना, ब्रिटेन और नाइजीरिया की सेना ने भी हिस्सा लिया था। हालांकि भारतीय सेना की इस ऑपरेशन में ज्यादा टुकड़िया थीं। इस ऑपरेशन में गोरखा रेजीमेंट ने अहम भूमिका निभाई थी।

ये ब्रिज सड़क कटिंग के दौरान एक मशीन को ले जाने के दौरान टूट गया था जिसमें दो लोग घायल भी हुए थे। मशीन इतनी भारी भरकम थी की ब्रिज पर ओवरलोडिंग हो गई और वह इतना ज्यादा वजन नहीं झेल सका।

चीन के लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टर्स की गतिविधियां बॉर्डर पर बढ़ती जा रही हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक भारत की तरफ से सीमा पर सेना की मौजूदगी और ताकत को बढ़ा दिया गया है।

वो अक्सर इम्तियाज़ को दिया हुआ ईमेल चेक करता है। उसे पता है कि इम्तियाज़ शहीद हो चुका है, पर फिर भी उसके दिल में कहीं एक छोटी सी उम्मीद है और उस छोटी सी उम्मीद के साथ-साथ एक बहुत बड़ा बोझ भी।

युद्ध के दौरान वह सेक्टर द्रास की टाइगर हिल पर लहूलुहान पड़े थे। चारों तरफ से दुश्मन पाकिस्तान की गोलियां बरस रही थीं। 17 गोलियां शरीर में लग चुकी थीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी जिस वजह से शरीर ने भी उनका साथ दिया।

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