गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को दिया जाएगा सम्मान, यहां अंकित होगा नाम

गलवान घाटी में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के पास चीन द्वारा निगरानी चौकी बनाए जाने पर भारतीय सैनिकों ने विरोध किया। इसी बात को लेकर भारत और चीन के सैनिकों के बीच 15 जून की रात झड़प हो गई।

Indian Army

पूर्वी लद्दाख की गलवान (Galwan) घाटी  में शहीद हुए सैनिकों को सम्मान देने की तैयारी की जा रही है। उनका नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अंकित किए जाएगा। बता दें कि 15 जून की रात को भारतीय सैनिकों की चीनी सैनिकों के साथ झड़प हो गई थी। इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। जबकि जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना के जवानों ने चीन के 35 से 40 सैनिकों को मार गिराया था। 

गलवान (Galwan) घाटी में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के पास चीन द्वारा निगरानी चौकी बनाए जाने पर भारतीय सैनिकों ने विरोध किया। इसी बात को लेकर भारत और चीन के सैनिकों के बीच 15 जून की रात झड़प हो गई।

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चीन के सैनिकों ने पत्थरों, नुकीले हथियारों, लोहे की छड़ों आदि से भारतीय सैनिकों पर हमला बोल दिया था। भारतीय सैनिकों ने अपना लोहा मनवाते हुए चीन के 35-40 सैनिक मार गिराए थे। इस झड़प में पैर फिसलने और नुकीले हथियारों से घायल होकर भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 17 जुलाई को लुकुंग अग्रिम चौकी की यात्रा के दौरान सैनिकों के अद्भुत शौर्य दिखाने के लिए बिहार रेजिमेंट के सैनिकों की सराहना की थी। 15 जुलाई को चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में 16वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी कर्नल बी संतोष बाबू समेत अन्य सैनिक शहीद हो गए थे। इन सैनिकों के नाम युद्ध स्मारक पर लिखने की प्रक्रिया में अभी कुछ महीनों का वक्त लग सकता है।

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