Indian Army

युद्ध के बारे में भैरो सिंह ने कई मौकों पर जिक्र किया है। वह बताते हैं कि जब हाईकमान से आदेश आया तो वह तनोट होते हुए लोंगेवाला के पास पहुंचे थे।

कैप्टन संदीप सांखला (Captain Sandeep Shankla) 8 अगस्त, 1991 को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के जफरखान गांव में आतंकवादियों (Terrorists) से लोहा लेते हुए देश के लिए शहीद हो गए थे।

युद्ध की वजह थी नाथू ला में भारतीय सीमा से सटे इलाके में चीनी द्वारा गड्ढों की खुदाई। चीनी सैनिकों ने नाथू ला में सेना की चौकियों पर हमला कर दिया था।

Indian Army Chief ने कहा कि चीन के किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए आक्रामक रुख अपनाया जाए। जब तक विवाद का संतोषजनक हल नहीं आता, तब तक पूरी सतर्कता बरती जाए।

भारतीय सेना (Indian Army) ने नियंत्रण रेखा पर पाकिस्‍तान (Pakistan) की ओर से किए गए सीजफायर के उल्लंघन (Ceasefire Violation) का मुंहतोड़ जवाब दिया है। 7 अगस्त को पाकिस्तान ने तंगधार सेक्‍टर में संघर्ष विराम का उल्‍लंघन किया था।

Indian Army ने योजनाबद्ध तरीके से 3 दिसंबर, 1971 की सुबह कार्रवाई शुरू की। भारी गोलाबारी के बीच, बंकरों को ध्वस्त करते हुए, वे अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते चले गए।

सेना प्रमुख (Army Chief) जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (General Manoj Mukund Naravane) ने 6 अगस्त को असम के तेजपुर स्थित चौथी कोर मुख्यालय का दौरा किया।

जवानों ने शाकिर को ढूंढने के लिए शोपियां में सर्च ऑपरेशन को तेज कर दिया है। शाकिर 162 बटालियन का हिस्सा हैं।

नाथु ला विवाद का केंद्र इसलिए है क्योंकि 1965 के भारत और पाकिस्तान के युद्ध के दौरान चीन ने इस इलाके को खाली करने के लिए बोला था लेकिन भारतीय सेना वहां से पीछे नहीं हटी थी।

1947-48 के युद्ध के बाद जम्मू-कश्मीर के दो तिहाई हिस्सा भारत में ही रहा जबकि एक तिहाई हिस्से पर आज भी पाकिस्तान का कब्जा है।

जंग में वे और उनके 14 गार्ड्स रेजिमेंट के साथियों ने अगरतला को पाक के हमलों से बचाया था। गंगासागर स्टेशन के पास इस जंग में दुश्मनों की कमर तोड़कर रख दी थी।

रजा इस युद्ध में सबसे आगे होकर लड़ रहे थे। भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान के 250 से अधिक सैनिक मार गिराए। 17 दिसंबर की रात युद्ध खत्म हुआ।

युद्धविराम पर सहमत होने के बाद दुश्मन देश ने अपने सैनिकों को निकालने से इनकार कर दिया नतीजन कश्मीर दो भागों में विभाजित हो गया।

नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) ने पुंछ जिले के मनकोट सेक्टर और कृष्णा घाटी में सीजफायर करते हुए भारतीय सेना की चौकियों को निशाना बनाते हुए फायरिंग की। इसके अलावा पाक की कायर सेना ने बॉर्डर के समीप कई गांवों को भी निशाना बनाया और मोर्टार भी दागे।

साल 1971 भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के लिए बेहद अहम था। 1971 में पूर्वी पाकिस्तान में आजादी का आंदोलन दिन ब दिन तेज होता जा रहा था।

डीआरजी, कोबरा, एसटीएफ और सीआरपीएफ के जवानों ने ज्वाइंट ऑपरेशन कर महिला नक्सली को मार गिराया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में अब तक मारे गए आतंकियों का प्रतिशत 88 फीसदी है जोकि 2019 में 79 फीसदी था।

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