LAC पर हाई लेवल Alert, आर्मी चीफ ने कहा- आक्रामक रुख अपनाए Indian Army

Indian Army Chief ने कहा कि चीन के किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए आक्रामक रुख अपनाया जाए। जब तक विवाद का संतोषजनक हल नहीं आता, तब तक पूरी सतर्कता बरती जाए।

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सांकेतिक तस्वीर

थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने सेना के सभी वरिष्ठ कमांडरों को LAC पर बेहद अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। वह ख़ुद सीमावर्ती संरचनाओं के संचालन की निगरानी कर रहे हैं।

भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। भारतीय सेना (Indian Army) और वायु सेना (Indian Air Force) को लद्दाख, उत्तरी सिक्किम, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश के साथ सभी क्षेत्रों में High Level Alertness बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। मकसद है कि चानी की चालबाजी से बचते हुए उसके हर कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देना। क्योंकि चीन एक पल तो सीमा पर तनाव कम करने की बात करता है और दूसरे ही पल मुकर जाता है। चीन की इस दोहरी रणनीति की वज़ह से सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

इस बारे में भारत ने साफ़ कर दिया है कि पूर्वी लद्दाख के सभी क्षेत्रों में यथास्थिति बहाल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने सेना के सभी वरिष्ठ कमांडरों को LAC पर बेहद अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। वह ख़ुद सीमावर्ती संरचनाओं के संचालन की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन के किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए आक्रामक रुख अपनाया जाए। जब तक विवाद का संतोषजनक हल नहीं आता, तब तक पूरी सतर्कता बरती जाए।

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भारतीय सीमा से लगे पैंगोंग सो, देपसांग और गोगरा से चीन की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) पीछे हटती नहीं दिख रही है। दोनों देशों के में शांति बहाल को लेकर सेनाओं के शीर्ष सैन्य कमांडरों के बीच चार चरण की वार्ता हो चुकी है। 2 अगस्त को भी भारत और चीन (India-China) की कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई थी। जिसमें पहले तो चीन पीछे हटने को राजी हुआ फिर मुकर गया। जिसे देखते हुए सभी सेनाओं को तनाव वाले सीमा क्षेत्रों में अलर्ट पर रखा गया है।

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उधर एमएम नरवणे ने 6 अगस्त को चौथी कोर के मुख्यालय में पूर्वी कमान के वरिष्ठ कमांडरों के साथ बैठक की। जिसमें तनाव वाले सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा व्ययस्थ को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। हाल ही में गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प के बाद सभी भारतीय सेनाएं सतर्क हैं। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वायु सेना ने लड़ाकू जहाजों को पूर्वी लद्दाख एवं एलएसी सीमा क्षेत्रों में तैनात किया है। 7 अगस्त को वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल एचएस अरोड़ा ने कई हवाई अड्डों का दौरा किया और सुरक्षा की तैयारियों का जायजा लिया।

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