उत्तराखंड (Uttarakhand) के नौजवान सेना (Indian Army) में भर्ती होने के लिए तत्पर रहते हैं। सेना के भर्ती शुरू हो जाए, तो झटपट टेस्ट देने और एग्जाम की तैयारी शुरू कर देते हैं। पहाड़ की हवा पानी में रहने वाले नौजवान बेहद ही मेहनती और फुर्तीले होते हैं।

भारत और चीन के बीच 1962 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) को हार का मुंह का देखना पड़ा था। सेना पूरी तैयारी के साथ इस युद्ध में नहीं उतरी थी, जबकि चीनी सेना पूरी तैयारी के साथ आई थी।

भारत और चीन के बीच 1962 में युद्ध लड़ा गया था। युद्ध में चीन ने भारत को हराया था। चीन युद्ध में पुरी तैयारी के साथ उतरा था। भारतीय सेना (Indian Army) के पास युद्ध में न तो पूरे हथियार थे और न ही हड्डियां गला देने वाली ठंड में पहनने वाले कपड़े।

ब्रिगेडियर एमएस बाजवा के मुताबिक, टाइगर हिल पर चौकियों को कब्जाने गई 8 सिख और 18 ग्रेनेडियर्स के जवानों को शेर खां ने कड़ी चुनौती दी  थी।

1986-87 के दौरान कराची जेल में जरदारी के साथ कुछ महीने बीता चुके हैं। इलाही 60 और 70 के दशक के दौरान पाकिस्तान में जासूसी कर चुके हैं।

साल 2019 के मई महीने में नक्सलियों ने महाराष्ट्र में बड़ा हमला (Gadchiroli Naxal Attack) किया था। हमला 1 मई को किया गया था। तय समय और तय प्लानिंग के तहत हमले को अंजाम दिया गया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) के जवानों ने ऐसा पराक्रम दिखाया था, जिसे यादकर दुश्मन देश के जवान आज भी कांप उठते हैं।

नक्सलियों (Naxals) को मौत के घाट उतार कर हमारे जवानों ने लाल आतंक के खिलाफ कमर कसी हुई है। बीते कुछ सालों में पुलिस फोर्स को नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलताएं भी हाथ लगी हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को भारत ने धूल चटा दी थी। पाकिस्तान को एक पल भी ऐसा महसूस नहीं होने दिया गया था कि वो भारत के खिलाफ जीत भी सकता है।

नक्सल समस्या देश की बड़ी समस्याओं में से एक है। नक्सली इस देश के लिए कलंक हैं। नक्सलियों ने कई मौकों पर देश को भारी नुकसान पहुंचाया है। हमारे कई जवान नक्सली हमलों में शहीद हो गए हैं तो कई जवान एंटी नक्सल ऑपरेशन में वीरता की मिसाल पेश करते हुए।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। इस युद्ध में यूं तो हमारे कई सैनिकों ने शौर्य का परिचय दिया लेकिन एक जवान ऐसे थे, जिनकी बहादुरी की मिसाल आज भी पेश की जाती है।

करीब साढ़े 8 बजे नक्सलियों पर फायरिंग की गई। तीन घंटे चली फायरिंग में 16 नक्सली मौके पर ही ढेर कर दिए गए जबकि बाकी नक्सली मौके से भागने में कामयाब हुए थे।

naxalite attack: नक्सलियों ने हमारे जवानों को अपने जाल में फंसाया था और वह मुख्य सड़क से जवानों की पूरी टीम को 400 मीटर दूर ले गए थे।

हमला रात के समय में किया गया था। रानीबोदली गांव में मौजूद पुलिस कैंप में जब जवान सो रहे थे। नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी थी।

नक्सलियों को उनके गढ़ में घुसकर सीने पर वार करने वाले हमारे जवान हमेशा देश की रक्षा में जुटे रहते हैं। ये जवान सरहद पर ही नहीं बल्कि देश के अंदर ही देश के लिए काला धब्बा बन चुके नक्सलियों (Naxalites) से लड़ते हैं।

चुनाव के दौरान बड़े हमलों को अंजाम देकर नक्सली (Naxals) लोगों के बीच अपना खौफ और सरकार के प्रति अपनी विचारधारा को खुले तौर प्रदर्शित करते हैं।

नरसंहार का मुख्य षड्यंत्रकर्ता ओडिशा के मलकानगिरि जिले में जंगल में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया था। इस नक्सली का नाम सुनधरा था।

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