एएच-64 डी अपाचे लॉन्गबो ब्लॉक III अटैक हेलीकॉप्टर से कांप उठता दुश्मन, जानें इसकी खासियतें
भारतीय सेनाओं के पास ऐसे कई हथियार मौजूद हैं जिनके दम पर वह किसी भी देश के खिलाफ जीत हासिल कर सकते हैं। भारत पाकिस्तान और चीन के खिलाफ युद्ध में कई घातक हथियारों का इस्तेमाल कर चुका है।
India Pakistan War 1971: भारत ने क्यों 93,000 पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा किया था?
सरेंडर करने के बाद भारत ने पाकिस्तान के इन जवानों को रिहा कर दिया था। पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा करने के पीछ राजनीतिक और आर्थिक कारण बताए जाते हैं।
Kargil War: 19 साल की उम्र में पाकिस्तानी सैनिकों से भीड़ गए थे, जंग के मैदान में 17 दिन तक नहीं खाया था खाना
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान एक 19 साल के जवान ने देश भक्ति का शानदार परिचय दिया था। इस जवान ने जंग के मैदान में 17 दिन तक खाना नहीं खाया था।
भारतीय नौसेना की मैरीन कमांडो फोर्स की ये हैं खासियतें, नाम सुनकर ही कांप उठता है दुश्मन
भारतीय नौसेना (Indian Navy) दुनिया की एडवांस सेनाओं में से एक मानी जाती है। नौसेना ने कई मौकों पर अपनी अहमियत को दर्शाया है। नौसेना की मैरीन कमांडो फोर्स (MARCOS) बेहद ही खतरनाक विंग मानी जाती है।
Kargil War: कैप्टन अखिलेश सक्सेना ने बिना हारे लौटने की खाई थी कसम
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में हमारे वीर सपूतों ने शानदार प्रदर्शन किया था। पाकिस्तान ने धोखे से भारत के खिलाफ यह युद्ध छेड़ा था। लेकिन उसे इसका बुरा अंजाम भुगतना पड़ा था।
21 साल से शहीद बेटे के लिए रोज खाने की थाली लगाती है मां, बेटे के कमरे को तस्वीरों से सजा कर रखा है
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) के 500 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। भारत मां की रक्षा के लिए इन वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहूति दे दी थी।
War of 1965: युद्ध में हुआ था इन घातक हथियारों का इस्तेमाल, PAK के पास थे आला दर्जे के अमेरिकी टैंक
भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध (War Of 1965) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ यह सोचकर युद्ध छेड़ा था कि 1962 में चीन से हार के बाद वह हमें हरा देगा।
22 साल से कश्मीरी दुपट्टा ओढ़कर पति को याद करती है वीरांगना, कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे विनोद कुमार
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान हमारे वीर सपूतों ने शानदार प्रदर्शन किया था। युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हराकर ही जवानों ने दम लिया था।
पहले वेतन से पत्नी के लिए घड़ी लाया था कारगिल का ये शहीद, वीरांगना के लिए अब यही है सबकुछ
कारगिल युद्ध (Kargil War) में शहीद होने वाले जवानों में से एक जवान सीकर जिले के गांव सिगडोला छोटा के बनवारी लाल (Banwari Lal) भी थे। 28 अप्रैल, 1996 को आर्मी ज्वॉइन करने वाले इस जवान ने महज तीन साल के कार्यकाल में ही देश के लिए कुर्बानी दे दी।
‘1971 में पिताजी शहीद हुए थे, मैं भी पीछे नहीं हटूंगा’, 17 जाट रेजीमेंट के जवान नरेश कुमार का आखिरी खत
वीर सपूतों ने शहीद होने से पहले अपने परिवारों को खत भी लिखे थे। शहीद होने से पहले 17 जाट रेजीमेंट में तैनात नरेश कुमार ने भी परिवार को खत लिखा था।
1971 का युद्ध: पाकिस्तान के खिलाफ इन खतरनाक हथियारों का हुआ था इस्तेमाल, दुश्मन देश के निकल गए थे आंसू
किसी भी युद्ध में जीत और हार हथियारों पर निर्भर करती है। जिस सेना के पास जितने बढ़िया और मॉर्डन हथियार होंगे उसका पलड़ा उतना ही भारी होगा।
Kargil War: पाकिस्तान के खिलाफ पंजाब के 105 सैनिकों ने दी थी शहादत, इन जवानों का कर्जदार है देश
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में पंजाब के 105 जवानों ने शहादत दी थी। भारत मां की रक्षा के लिए ये सैनिक दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने के लिए किसी भी हद से गुजर गए थे।
Kargil War: ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा कर भारत को हराना चाहता था पाकिस्तान, प्लान हुआ बुरी तरह फेल
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़ा गया कारगिल युद्ध (Kargil War) भारतीय सेना (Indian Army) के शौर्य गाथा को बयां करता है। युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने पाकिस्तान को हर मोर्चे पर फेल कर दिया था।
कश्मीर को कबायलियों से बचाने में ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह की भूमिका थी सबसे अहम, जानें कैसे
युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) कश्मीर की हिफाजत के लिए पाक सैनिकों और कबायलियों को नेस्तनाबूद कर दिया था। हमलों ने तत्कालीन राजा हरि सिंह की चिंताएं बढ़ा दी थीं।
1947 के भारत और पाकिस्तान युद्ध की अहम बातें, सीना गर्व से हो जाएगा चौड़ा
भारत और पाक के बीच हुए पहले युद्ध की वजह कश्मीर बना था। पाकिस्तान ने कश्मीर को पाने के लिए 1947 में नापाक साजिश रची जिसे सेना (Army) ने बुरी तरह से विफल कर दिया।
1965 की जंग के दौरान मार्शल अर्जन सिंह ने संभाली थी वायु सेना की कमान, बुरी तरह हारा था PAK
मार्शल अर्जन सिंह (Arjan Singh) एक मात्र अधिकारी रहे जिनकी पदोन्नति पांच सितारा रैंक तक हुई। उनके असाधारण योगदान के लिए साल 2002 में एयर फोर्स का मार्शल बनाया गया था।
बायें हाथ पर बंधा था प्लास्टर, शहीद होने से पहले मेजर सोमनाथ शर्मा ने दुश्मनों को किया नेस्तनाबूद
मेजर सोमनाथ शर्मा (Major Somnath Sharma) टूटे हाथ के दर्द को नजरअंदाज कर अपने साथी जवानों को मैग्जीन में गोलियां भरकर देते जा रहे थे। उनकी बहादुरी की मिसाल आज भी पेश की जाती है।