Kargil War: कैप्टन अखिलेश सक्सेना ने बिना हारे लौटने की खाई थी कसम

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में हमारे वीर सपूतों ने शानदार प्रदर्शन किया था। पाकिस्तान ने धोखे से भारत के खिलाफ यह युद्ध छेड़ा था। लेकिन उसे इसका बुरा अंजाम भुगतना पड़ा था।

Captain Akhilesh Saxena

पत्नी के साथ रिटायर्ड कैप्टन अखिलेश सक्सेना।

Kargil War: कैप्टन अखिलेश सक्सेना (Captain Akhilesh Saxena) ने सिर पर भगवा कपड़ा बांध लिया था और पाकिस्तानी सेना द्वारा धोखे से कब्जाई गई जमीन पर दोबारा कब्जा किए बिना ना लौटने की कसम खा ली थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में हमारे वीर सपूतों ने शानदार प्रदर्शन किया था। पाकिस्तान ने धोखे से भारत के खिलाफ यह युद्ध छेड़ा था। लेकिन उसे इसका बुरा अंजाम भुगतना पड़ा था।

इस युद्ध में हमारे जवानों ने दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए थे। ऐसे ही एक जवान कैप्टन अखिलेश सक्सेना (Captain Akhilesh Saxena) भी थे। दो राजपूताना राइफल्स के बहादुर सैनिकों में शामिल रहे रिटायर्ड कैप्टन अखिलेश सक्सेना ने युद्ध में दुश्मनों को हराने की प्रतिज्ञा ली थी।

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उन्होंने बिना हारे लौटने की कसम खाई थी और इसके साथ ही सिर पर भगवा कपड़ा बांध प्रतिज्ञा ली थी। वह युद्ध के दिनों को याद कर कहते हैं, “मैंने अपने सिर पर भगवा कपड़ा बांध लिया था और पाकिस्तानी सेना द्वारा धोखे से कब्जाई गई जमीन पर दोबारा कब्जा किए बिना ना लौटने की कसम खा ली थी।”

वह आगे बताते हैं, “युद्ध शुरू होने से एक महीने पहले ही मेरी शादी हुई थी। मेरा हाथ 3 पिंपल्स पर कब्जा करने के दौरान बुरी तरह जख्मी हो गया था। 3 पिंपल्स पर 29 जून को कब्जा करने के लिए दुश्मनों से लोह लिया गया था।”

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रिटायर्ड कैप्टन अखिलेश सक्सेना (Captain Akhilesh Saxena) बताते हैं, “3 पिंपल्स पर 29 जून को दुश्मनों से वापस लेने के लिए यह कसम मैंने ही नहीं बल्कि मेरी यूनिट के अन्य जवानों ने भी खाई थी। सेना के जवानों ने इस कसम के मुताबिक प्रदर्शन भी किया और जंग के मैदान में जीत की इबादत लिखकर ही दम लिया था।”

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