Indian Air Force: पठानकोट वायुसेना स्टेशन की ये है अहमियत, साल 1965 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने किया था हमला
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ हमारे सैनिकों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। इससे पहले 1965 युद्ध के दौरान पठानकोट वायुसेना स्टेशन (Pathankot Air Base) पर पाकिस्तान ने हमला किया था।
India Pakistan War 1971: …जब Indian Air Force के तीन युद्धबंदी सैनिकों ने पाकिस्तानी जेल को तोड़ा और हो गए फरार, जानें कैसे
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के दौरान तीन भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के जवान पाकिस्तानी जेल तोड़कर फरार हो गए थे। पाकिस्तानी स्वतंत्रता दिवस से महज एक दिन पहले ही इन सैनिकों ने इसे अंजाम दिया था।
फील्ड मार्शल करियप्पा के बेटे को बना लिया गया था युद्धबंदी, छुड़वाने से कर दिया था इनकार
'नंदा मेरा नहीं इस देश का बेटा है। उसके साथ वही बर्ताव किया जाए जो दूसरे युद्धबंदियों के साथ किया जा रहा है। छोड़ना है तो सभी युद्धबंदियों को छोड़िए।'
कर्नल अनिल ए अथले ने 1971 के युद्ध में निभाई थी अहम भूमिका, युद्धबंदी बना पाकिस्तान ने दिखाया था असली चेहरा
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए भीषण युद्ध में कर्नल अनिल ए अथले (Colonel Anil A Athale) ने बहादुरी की मिसाल पेश की थी। भारतीय सेना (Indian Army) बेखौफ होकर दुश्मनों पर टूट पड़ने के लिए जानी जाती है।
एयर वाइस मार्शल आदिय विक्रम पेठिया, 5 महीनों तक पाकिस्तान में युद्धबंदी बनकर रहे
India Pakistan War 1971: भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना को शानदार जीत हासिल हुई थी। युद्ध के दौरान पाकिस्तान की कैद में कुछ भारतीय जवान युद्धबंदी बनकर रहे थे।
1971 का युद्ध: इस जवान ने पाकिस्तानी सीमा में घुसकर बरपाया था कहर, दुश्मनों को कर दिया था ढेर
उत्तर प्रदेश के हापुड़ स्थित सिंभावली क्षेत्र के गांव मोहम्मदपुर खुड़लिया निवासी जयभगवान सिंह चौधरी 1960 में वायुसेना में शामिल हुए थे।
1962 की लड़ाई में युद्धबंदी रहे वीर सपूत बलवंत सिंह बिष्ट का ऐसा था अनुभव, चीन को भस्म करने की है चाह
भारत और चीन के बीच 1962 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में चीन के खिलाफ भारतीय वीर सपूतों ने जीत के लिए पूरी मेहनत की थी लेकिन हार नसीब हुई थी। हार की वजह थी, भारतीय सेना (Indian Army) का अधूरी तैयारी के साथ जंग के मैदान में उतरना।
21 साल की उम्र में घर से भागकर फौज में भर्ती हुए थे 78 एलएनपी के आत्मासिंह, 1962 के युद्ध में दिखाया था अपना पराक्रम
भारत और चीन के बीच 1962 में युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में चीन ने भारत को हराया था। युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने अपनी जान की बाजी लगाकर दुश्मनों को पस्त करने की कोशिश की थी।
1962 War: भारतीय सेना के ‘संकटमोचन’ थे दिवान सिंह गरभ्याल, जानें कैसे
भारत और चीन के बीच 1962 में लड़े गए युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने हर मोर्चे पर बेहतरीन प्रदर्शन करने की कोशिश की थी। युद्ध में चीनी सेना हमारे वीर सपूतों पर भारी पड़ी थी। चीनी सेना पूरी तैयारी के साथ भारतीय सेना के खिलाफ उतरी थी, जबकि हम आधी-अधूरी तैयारी के साथ लड़े थे।
Kargil War: इन खतरनाक हथियारों के साथ भारत के खिलाफ उतरा था पाकिस्तान, पर हाथ लगी हार
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Kargil War) ने शानदार जीत हासिल की थी। इस युद्ध में हमारे जाबांज सैनिकों ने दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए थे।
1965 का युद्ध: …जब पाकिस्तान की उम्मीद Indian Army ने फेर दिया पानी, कश्मीर हड़पने की साजिश हुई थी बुरी तरह फेल
भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में लड़े गए युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने जीत हासिल की थी। इस युद्ध में पाकिस्तान को जबरदस्त नुकसान झेलना पड़ा था।
‘जब तक चिट्ठी पहुंचेगी, आपको आसमान से देख रहा होऊंगा’, कारगिल शहीद का आखिरी खत
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) ने जबरदस्त जीत हासिल की थी। कारगिल का नाम सुनते ही भारतीय जवानों के बहादुरी के किस्से याद आते हैं।
इस परमवीर का आखिरी खत पढ़ रो पड़ेंगे आप! देश के लिए दी थी कुर्बानी
कुछ सैनिक ऐसे होते हैं जिनके शौर्य के किस्से हमेशा याद किए जाते हैं। ऐसे ही एक जवान लेफ्टिनेंट प्रवीण तोमर (Lieutenant Praveen Tomar) भी थे। शहीद होने से पहले उन्होंने एक खत लिखा था।
छोटे भाई के साथ अरुण खेत्रपाल का घर देखने गए थे विजयंत थापर, बचपन से ही सेना से था खास लगाव
थापर (Captain Vijayant Thapar) का सेना के साथ लगाव कितना था इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वे जब छोटे थे तो अपने छोटे भाई के साथ 'परमवीर चक्र' विजेता सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल का घर देखने गए थे।
Kargil War: …जब अचानक चट्टान की ओट से बाहर निकल विजयंत थापर ने एलएमजी चला रहे दुश्मन को किया ढेर
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध के दौरान कैप्टन विजयंत थापर (Captain Vijayant Thapar) ने बहादुरी की मिसाल पेश की थी। वह दुश्मनों पर कहर बनकर टूटे थे।
1971 के युद्ध की तीन सबसे खूनी लड़ाईयां, Indian Army का बजा था डंका
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) ने तीन अहम ऑपरेशन को अंजाम दिया था। इन ऑपरेशन के दम पर पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया गया था।
Kargil War: वह शहीद जिसने तीन चौकियों पर फहराया था तिरंगा, 21 साल की उम्र में देश के लिए दी कुर्बानी
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) ने शानदार प्रदर्शन किया था। इस युद्ध में हर जवान का योगदान बेहद अहम माना जाता है।