21 साल की उम्र में घर से भागकर फौज में भर्ती हुए थे 78 एलएनपी के आत्मासिंह, 1962 के युद्ध में दिखाया था अपना पराक्रम

भारत और चीन के बीच 1962 में युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में चीन ने भारत को हराया था। युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने अपनी जान की बाजी लगाकर दुश्मनों को पस्त करने की कोशिश की थी।

78 LNP K Atmasingh

78 एलएनपी के आत्मासिंह।

India China War 1962: इस लड़ाई में एक जवान ऐसे भी थे जिनकी बहादुरी के किस्से आज भी मशहूर हैं। इस जवान का नाम 78 एलएनपी के आत्मासिंह (78 LNP K Atmasingh)  था।

भारत और चीन के बीच 1962 में युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में चीन ने भारत को हराया था। युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने अपनी जान की बाजी लगाकर दुश्मनों को पस्त करने की कोशिश की थी। लेकिन युद्ध में चीनी सेना पूरी तैयारी के साथ आई थी, तो जीती भी वो ही।

युद्ध में यूं तो हर जवान का योगदान अहम माना जाता है, लेकिन एक जवान ऐसे भी थे जिनकी बहादुरी के किस्से आज भी मशहूर हैं। इस जवान का नाम 78 एलएनपी के आत्मासिंह (78 LNP K Atmasingh) था। 21 साल की उम्र में घर से भागकर फौज में में भर्ती होने वाले आत्मसिंह 1958 में सेना से रिटायर हो गए थे।

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हालांकि, 1962 में चीन से युद्ध होने पर उन्हें वापस बुला लिया गया था। आत्मासिंह (78 LNP K Atmasingh) के पोते छिंद्रपालसिंह ने युद्ध के दिनों की बातें साझा की हैं। वे बताते हैं, “दादा जी हमें बताते थे कि युद्ध के दौरान वे अपने साथियों के साथ असम बॉर्डर पर थे। चीन पर हमला किया था। इस दौरान एक बम हमारे मोर्चे का पास आकर गिरा था, तो मोर्चा ढह गया था। हम तीन घंटे तक उसमें दबे रहे थे। जैसे ही हम बाहर आए तो चीनी सेना ने उस इलाके की घेराबंद कर ली थी। लिहाजा हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था।”

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वे आगे बताते हैं, “दादी जी के मुताबिक, वे इस दौरान दिन में एकबार ही खाना खाते थे और कुछ दिन तो बिना खाना खाए ही दुश्मन से लड़ना पड़ा था। मेरे दादा जी 1939 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। वे 21 साल की उम्र में घर से भागकर फौज में में भर्ती हुए थे। सेना के प्रति उनका लगाव बचपन से ही था।”

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