मंडी जिले के 12 जवानों ने देश के लिए प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश की सरहदों पर कुर्बानी देने में जिला हमीरपुर भी पीछे नहीं रहा।

कई मौकों पर हमने अपने जवानों को खोया है जब पुरानी बारूदी सुरंग के संपर्क में आने से जवान शहीद हुए हैं। इनसे निपटने के लिए कोई कारगर तकनीक नहीं मिल पाई है।

पाकिस्तानी सैनिकों ने बेहद ही चालाकी के साथ उस रास्ते को रोक लिया था जहां से सेना के जवानों, हथियारों और अन्य जरूरी सामान की आवजाही होनी थी।

Captain Vijayant Thapar: भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए युद्ध में कैप्टन विजयंत थापर (Captain Vijayant Thapar) ने बेहद ही अहम भूमिका निभाई थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सैनिकों का पराक्रम इतना भयंकर था जिसे याद कर दुश्मन देश आज भी थर्र-थर्र कांप उठता होगा।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को भारतीय जवानों ने बुरी तरह से हराया था। पाकिस्तान को हर मोर्चे पर फेल कर भारतीय जवानों का डंका बजा था।

भारत और चीन के बीच 1962 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में चीन को जीत मिली थी। 1962 में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद इतना बढ़ गया था कि हमारी सेना को युद्ध लड़ना पड़ा था।

भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी युद्ध 1999 में लड़ा गया था। यह कारगिल युद्ध (Kargil War) के नाम से जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान ने कारगिल के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई क्षेत्रों पर धोखे से कब्जा कर लिया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध में एक डाकू ने भारतीय सेना (Indian Army) की काफी मदद की थी। सेना की मदद करने के बाद इस डाकू के ऊपर चल रहे सारे मामलों को बंद कर दिया गया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में  लड़े गए युद्ध के दौरान 9 जाट रेजीमेंट में तैनात मेजर सुभाष गुलेरी (Major Subhash Guleri) को युद्ध बंदी बना लिया गया था। परिवार को आज भी उनकी वतन वापसी का इंतजार है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का भीषण युद्ध ((Kargil War) लड़ा गया था। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय वीर सैनिकों ने जमकर प्रहार किया था। पाकिस्तान को बुरी तरह से हराकर ही हमारे वीरों ने राहत की सांस ली थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) ने कहर बरपाया था। दुश्मनों को बुरी तरह से हराकर भारतीय वीर जवानों ने दिखा दिया था कि देश की रक्षा के लिए वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। पाकिस्तान को इस युद्ध में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि भारतीय सेना उसे इतनी बुरी तरह से विफल करेगी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) शानदार प्रदर्शन किया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हराकर ही हमारे सैनिकों ने राहत की सांस ली थी।

नक्सली दहशत फैलाकर अपनी विचारधार का प्रसार करते हैं। नक्सली (Naxals) जिस देश में रहते हैं और जिसका खाना खाते हैं उसी के खिलाफ हैं। हमारे वीर सपूतों को अपने देश के भीतर ही नक्सलियों से लोगों की रक्षा करनी पड़ती है।

सीमा पर पाकिस्तान की नापाकी गतिविधियों पर देश की टॉप इंटेलीजेंस एजेंसियां को भनक तक नहीं लग सकी थी। उस समय एजेंसी का सीमा पार कोई मजबूत नेटवर्क नहीं था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। पाकिस्तान, भारत को कमजोर समझकर जंग के मैदान में उतरा था।  लेकिन पाकिस्तान को धूल चटाकर भारत ने जीत हासिल की थी।

यह भी पढ़ें