कारगिल युद्ध: हिमाचल के 52 जवानों ने दिया था बलिदान, दुश्मनों को चटाई थी धूल
मंडी जिले के 12 जवानों ने देश के लिए प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश की सरहदों पर कुर्बानी देने में जिला हमीरपुर भी पीछे नहीं रहा।
कारगिल युद्ध: पाकिस्तान बारूदी सुरंग बिछाता था, 20 साल बाद भी मिल रहे सबूत
कई मौकों पर हमने अपने जवानों को खोया है जब पुरानी बारूदी सुरंग के संपर्क में आने से जवान शहीद हुए हैं। इनसे निपटने के लिए कोई कारगर तकनीक नहीं मिल पाई है।
कारगिल युद्ध 1999: लेह का वो रास्ता, जिसके खुलते ही सेना की मूवमेंट हो गई थी तेज, जानें पूरा मामला
पाकिस्तानी सैनिकों ने बेहद ही चालाकी के साथ उस रास्ते को रोक लिया था जहां से सेना के जवानों, हथियारों और अन्य जरूरी सामान की आवजाही होनी थी।
कारगिल युद्ध: वीर चक्र विजेता कैप्टन विजयंत थापर का आखिरी खत, शहीद होने से पहले कही थीं ये बातें
Captain Vijayant Thapar: भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए युद्ध में कैप्टन विजयंत थापर (Captain Vijayant Thapar) ने बेहद ही अहम भूमिका निभाई थी।
Kargil War: युद्ध की कहानी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर की जुबानी, जानें कैसा था इनका अनुभव
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सैनिकों का पराक्रम इतना भयंकर था जिसे याद कर दुश्मन देश आज भी थर्र-थर्र कांप उठता होगा।
दुश्मन की गोलियों से शरीर हो गया था छलनी, फिर भी सतवीर बाउजी ने दुश्मनों से किए दो-दो हाथ
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को भारतीय जवानों ने बुरी तरह से हराया था। पाकिस्तान को हर मोर्चे पर फेल कर भारतीय जवानों का डंका बजा था।
हमसे 8 गुना ज्यादा सैनिक लेकर जंग में उतरा था चीन, भारतीय जवानों ने छुड़ा दिए थे छक्के
भारत और चीन के बीच 1962 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में चीन को जीत मिली थी। 1962 में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद इतना बढ़ गया था कि हमारी सेना को युद्ध लड़ना पड़ा था।
Kargil War: युद्ध की कहानी गोरखा रेजीमेंट के सिपाही कैलाश क्षेत्री की जुबानी, जानें कैसे दुश्मनों को किया था ढेर
भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी युद्ध 1999 में लड़ा गया था। यह कारगिल युद्ध (Kargil War) के नाम से जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान ने कारगिल के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई क्षेत्रों पर धोखे से कब्जा कर लिया था।
जब एक डाकू ने 1971 के युद्ध में Indian Army के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दिया देशभक्ति का परिचय
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध में एक डाकू ने भारतीय सेना (Indian Army) की काफी मदद की थी। सेना की मदद करने के बाद इस डाकू के ऊपर चल रहे सारे मामलों को बंद कर दिया गया था।
मेजर सुभाष गुलेरी आज भी हैं पाकिस्तान की जेल में बंद, परिवार को है वतन वापसी की आस
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध के दौरान 9 जाट रेजीमेंट में तैनात मेजर सुभाष गुलेरी (Major Subhash Guleri) को युद्ध बंदी बना लिया गया था। परिवार को आज भी उनकी वतन वापसी का इंतजार है।
Kargil War: अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को होना पड़ा था शर्मिंदा, भारत को मिला था इन देशों का साथ
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का भीषण युद्ध ((Kargil War) लड़ा गया था। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय वीर सैनिकों ने जमकर प्रहार किया था। पाकिस्तान को बुरी तरह से हराकर ही हमारे वीरों ने राहत की सांस ली थी।
Kargil War: युद्ध की कहानी एयर चीफ मार्शल टिपनिस की जुबानी, जानें कैसा था इनका अनुभव
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) ने कहर बरपाया था। दुश्मनों को बुरी तरह से हराकर भारतीय वीर जवानों ने दिखा दिया था कि देश की रक्षा के लिए वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
जब Indian Air Force ने सीमा पार कर पाक की हथियारों से भरी ट्रेन के चिथड़े उड़ाए
भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। पाकिस्तान को इस युद्ध में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि भारतीय सेना उसे इतनी बुरी तरह से विफल करेगी।
1971 के युद्ध में IAF ने की थी एयर स्ट्राइक, पाकिस्तान को हुआ था भारी नुकसान!
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) शानदार प्रदर्शन किया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हराकर ही हमारे सैनिकों ने राहत की सांस ली थी।
छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने किए थे दो बड़े हमले, दहल गया था पूरा देश
नक्सली दहशत फैलाकर अपनी विचारधार का प्रसार करते हैं। नक्सली (Naxals) जिस देश में रहते हैं और जिसका खाना खाते हैं उसी के खिलाफ हैं। हमारे वीर सपूतों को अपने देश के भीतर ही नक्सलियों से लोगों की रक्षा करनी पड़ती है।
Kargil War: कारगिल युद्ध से पहले इंटेलीजेंस एजेंसियों को नहीं मिल पाए थे इनपुट्स, जानें क्या हुआ था
सीमा पर पाकिस्तान की नापाकी गतिविधियों पर देश की टॉप इंटेलीजेंस एजेंसियां को भनक तक नहीं लग सकी थी। उस समय एजेंसी का सीमा पार कोई मजबूत नेटवर्क नहीं था।
India Pakistan War 1965: उत्तराखंड के 253 जवान हुए थे शहीद, इनमें से 22 को मिला सैन्य सम्मान
भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। पाकिस्तान, भारत को कमजोर समझकर जंग के मैदान में उतरा था। लेकिन पाकिस्तान को धूल चटाकर भारत ने जीत हासिल की थी।