जैसे ही हमला शुरू हुआ तो सीआरपीएफ जवानों और नक्सलियों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई थी। दरअसल नक्सलियों ने पहले ही जवानों की लोकेशन का पता लगा लिया था।

देश के नक्सल प्रभावित राज्यों में नक्सलियों (Naxals) के खिलाफ हमारे वीर सपूत कहर बनकर टूट पड़ते हैं। साल 2017 के मई महीने के दूसरे हफ्ते में भी जवानों ने नक्सलियों को भगा-भगाकर मारा था।

इस साल मार्च महीने में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुकमा में नक्सली हमले (Naxal Attack) में हमारे 17 जवान शहीद हो गए थे। इसके साथ ही 14 जवान घायल भी हो गए थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच  हुए साल 1971 के युद्ध के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) के 54 जवान ऐसे हैं, जिन्हें पाकिस्तान ने अपनी कैद में रखा हुआ है। इन जवानों के परिवार आज भी अपने वीर सपूत की राह देखे रहे हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 की जंग के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) के सूबेदार आसा सिंह को युद्धबंदी बना लिया गया था। उनकी पत्नी निर्मल कौर आज भी उनकी राह ताक रही हैं।

कारगिल की लड़ाई दुनिया की सबसे ऊंचाई पर लड़ा गया युद्ध था। युद्ध करीब 40 दिन चला। जैसा की हर युद्ध में देखने को मिलता है दोनों देशों को नुकसान झेलना पड़ा था।

स्वीडन की बनी यही तोप सेना के बेहद काम आई थी। बोफोर्स तोपों ने तोलोलिंग की चोटी के साथ ही द्रास सेक्टर की हर चोटी में छिपे दुश्मन पर निशाना लगाया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। यह युद्ध बेहद ही भीषण था और इसमें भारतीय सेना की जीत हुई थी। पाकिस्तानी सेना को इस युद्ध में भारी नुकसान पहुंचा था।

राजस्थान के झुंझुनूं जिले के बिशनपुरा गांव के 'वीर चक्र' विजेता शहीद शीशराम गिल की बहादुरी की मिसाल आज भी पेश की जाती है। 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। भारतीय सेना (Indian Army) के लिए इस युद्ध में कई चुनौतियां थीं, जबकि पाकिस्तान ऊंचाई पर होने के कारण काफी फायदे में था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में राजस्थान के सीकर के रहने वाले रिटायर्ड फौजी दिगेंद्र सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने पांच गोली खाने के बावजूद दुश्मनों का डटकर सामना किया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में बांग्लादेश की आजादी के लिए युद्ध लड़ा गया था। युद्ध में भारत की जीत हुई थी और दुनिया के नक्शे पर पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश उभरकर आया था।

1971 India-Pakistan War: लोंगेवाला की लड़ाई का असल 'हीरो' रिटायर्ड ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी को माना जाता है। 17 नवंबर 2018 को उनका निधन हो गया था।

पुलिस फोर्स के सी-60 कमांडो ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। पिछले दो वर्षों में, गढ़चिरौली पुलिस ने विभिन्न मुठभेड़ों में 20 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध में सेना के जवानों ने ऐसा कहर बरपाया था, जिसे याद कर दुश्मन आज भी कांप उठते होंगे। इस युद्ध में शरीर में गोली लगने और बुरी तरह से घायल होने के बाद भी कई जवानों ने अपनी आखिरी सांस और दर्द के साथ दुश्मनों को छलनी किया था

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए भीषण युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तानी सैनिकों को भगा-भगाकर मारा था। इस युद्ध में हमारे जवानों ने ऐसा पराक्रम दिखाया था, जिसकी मिसाल दी जाती है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में देश के जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर भारत मां की रक्षा की थी। हमारे देश के जवान भारतीय सरहद की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

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