1971 के युद्ध में शेखावाटी के हजारों सैनिकों ने लिया था हिस्सा, 171 जवानों ने दी थी शहादत

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में बांग्लादेश की आजादी के लिए युद्ध लड़ा गया था। युद्ध में भारत की जीत हुई थी और दुनिया के नक्शे पर पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश उभरकर आया था।

Indian Army

फाइल फोटो।

इस युद्ध देश के अलग-अलग राज्यों के जवानों ने हिस्सा लिया था यानी अलग-अलग बटालियनों के पराक्रम की बदौलत ही सेना (Indian Army) को युद्ध में जीत हासिल हुई थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में बांग्लादेश की आजादी के लिए युद्ध लड़ा गया था। युद्ध में भारत की जीत हुई थी और दुनिया के नक्शे पर पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश उभरकर आया था। यह युद्ध भारतीय सेना (Indian Army) ने बांग्लादेश की मुक्तिवाहिनी सेना के साथ मिलकर लड़ा था।

इस युद्ध देश के अलग-अलग राज्यों के जवानों ने हिस्सा लिया था यानी अलग-अलग बटालियनों के पराक्रम की बदौलत ही सेना (Indian Army) को युद्ध में जीत हासिल हुई थी। राजस्थान के सीकर के शेखावटी के हजारों सैनिकों ने भी इसमें अहम योगदान दिया था।

1971 का युद्ध: लोंगेवाला मोर्चे पर हुई लड़ाई के ‘हीरो’ थे ब्रिगेडियर कुलदीप, जानें कैसे बजाया था डंका

इनमें से 171 बेटे वीरगति को प्राप्त हुए। इस युद्ध में शहीद होने वाले सैनिकों में झुंझुनूं के 107, सीकर के 48 और चूरू जिले के 12 सैनिक थे। साल 1965 और 1999 के युद्धों से भी ज्यादा शहीद भारत-पाक 1971 के युद्ध में हुए थे।

इस लड़ाई में चूरू के तीन मुस्लिम बेटों ने भी शहादत दी थी। पाक सेना को मुंह तोड़ जवाब देते हुए ये जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। संभवत: यह पहला मौका था जब एक ही शहर के तीन मुस्लिम बेटे एक ही युद्ध में शहीद हुए हों।

ये भी देखें-

सेना (Indian Army) के जवान एक बंकर से दूसरे बंकर तक जाकर अपने साथी सैनिकों का हौसला बढ़ा रहे थे। दुश्मनों की गोली के बीच जवानों का लड़ना अदम्य साहस का परिचय होता है। सेना के इन 171 जवानों ने ऐसी ही मिसाल पेश की थी। जिसका नतीजा था कि भारत ने इस युद्ध में विजय पताका फहराया था।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें