Kargil War: राजस्थान के 52 फौजी हुए थे शहीद, हर दूसरा बहादुर था झुंझुनूं का बेटा

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। यह युद्ध बेहद ही भीषण था और इसमें भारतीय सेना की जीत हुई थी। पाकिस्तानी सेना को इस युद्ध में भारी नुकसान पहुंचा था।

Kargil War: 527 शहीदों में से अकेले राजस्थान के 52 जवान थे। इन 52 में से 22 जवान सिर्फ झुंझुनूं जिले के थे। मतलब कि राजस्थान से शहीद होने वाले वीर सपूतों में हर दूसरा बहादुर बेटा झुंझुनूं का था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। यह युद्ध बेहद ही भीषण था और इसमें भारतीय सेना (Indian Army) की जीत हुई थी। पाकिस्तानी सेना को इस युद्ध में भारी नुकसान पहुंचा था। पाकिस्तान सैनिकों को हमारे जवानों ने भगा-भगाकर मारा था। सेना के इन जवानों ने अंतिम सांस तक देश की सेवा की और दुश्मनों को भारी नुकसान पहुंचाया।

सेना (Indian Army) के इन वीर सपूतों में से कुछ को सैन्य सम्मान से भी नवाजा गया। सेना के जवानों ने दिखा दिया था कि भारत मां की तरफ आंख उठाने वालों के साथ क्या सलूक किया जाता है। पाकिस्तान को तो भारी नुकसान हुआ ही था, लेकिन इस युद्ध में हमने भी अपने कई बहादुर जवानों को खो दिया। इस दौरान हमारे कुल 527 जवान शहीद हुए और 1300 जवान घायल हुए थे।

Kargil War: जख्मों की परवाह किए बिना दुश्मनों पर कहर बनकर टूट पड़े थे शहीद शीशराम गिल

527 शहीदों में से अकेले राजस्थान के 52 जवान थे। इन 52 में से 22 जवान सिर्फ झुंझुनूं जिले के थे। मतलब, राजस्थान से शहीद होने वाले वीर सपूतों में हर दूसरा बहादुर बेटा झुंझुनूं का था। युद्ध में चूरू, नागौर, सीकर, अलवर, जयपुर, सवाईमाधोपुर, पाली, बाड़मेर और जोधपुर के जवानों ने भी शहादत दी  थी।

करगिल युद्ध (Kargil War) में सीकर, झुंझुनूं व चूरू के सैनिकों ने अहम भूमिका निभाई थी। देश के लिए अपनी जान देने वाले इन जवानों की साहस और बलिदान के किस्से आज भी वहां की मिट्टी में बसे हैं।

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इस युद्ध (Kargil War) में सेना ने हर उस पोस्ट को पाकिस्तान से वापस ले लिया था, जिसपर उसने धोखे से कब्जा किया था। करीब 40 दिन चली लड़ाई में सेना ने पोस्ट दर पोस्ट तिरंगा लहराया था।

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