Anti Naxal Operation: जवानों ने देखते ही देखते 20 नक्सलियों को उतार दिया था मौत के घाट

देश के नक्सल प्रभावित राज्यों में नक्सलियों (Naxals) के खिलाफ हमारे वीर सपूत कहर बनकर टूट पड़ते हैं। साल 2017 के मई महीने के दूसरे हफ्ते में भी जवानों ने नक्सलियों को भगा-भगाकर मारा था।

Naxalites

फाइल फोटो।

Anti Naxal Operation: फोर्स ने 1500 जवानों की टीम बनाकर ऑपरेशन ‘प्रहार’ चलाया गया था। नक्सलियों के खिलाफ बीते तीन साल से यह ऑपरेशन चलाया जा रहा है और इसमें जवानों को बड़ी कामयाबी हाथ लगती रही है। 

देश के नक्सल प्रभावित राज्यों में नक्सलियों (Naxals) के खिलाफ हमारे वीर सपूत कहर बनकर टूट पड़ते हैं। साल 2017 के मई महीने के दूसरे हफ्ते में भी जवानों ने नक्सलियों को भगा-भगाकर मारा था। हमारे वीर सपूतों ने अपनी जान की परवाह किए बिना घने जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ एंटी नक्सल ऑपरेशन (Anti Naxal Operation) को अंजाम दिया था।

इस ऑपरेशन (Anti Naxal Operation) में देखते ही देखते 20 नक्सलियों को मौत के घाट उतार दिया गया था। मई 14 और 15 के के बीच इस ऑपरेशन को छत्तीसगढ़ के तोंडामरका के घने जंगलों में अंजाम दिया गया था। करीब चार घंटे तक चली मुठभेड़ (Encounter) में सेना को यह कामयाबी हाथ लगी थी।

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डिस्ट्रक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी), एसटीएफ, कोबरा और केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) ने ज्वाइंट ऑपरेशन लॉन्च किया था। दरअसल, कांकेरलंका से 70 एसटीएफ और डीआरजी जवानों की टुकड़ी जैसे ही तोंडामरका व बड़े-केड़वाल के बीच जंगलों में पहुंची नक्सलियों ने उनपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं थीं। जवाब कार्रवाई में हमारे जवानों ने मोर्चा खोला।

नक्सली हमारे जवानों के सामने कहां टिकते। मुठभेड़ तोंडामरका और बड़े-केड़वाल के जंगलों में हुई, इसमें एसटीएफ बटालियन नंबर वन के पांच जवान घायल हो गए थे। वहीं, दो जवान शहीद भी हो गए थे। मुठभेड़ में 5 एसटीएफ जवानों के घायल होने की सूचना के बाद जगदलपुर से वायुसेना का हेलीकॉप्टर रवाना किया गया था। सभी का प्राइवेट अस्पताल में ईलाज किया गया था।

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तोंडामरका के घने जंगलों में पुलिस का दावा था कि यह अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन था। और इसमें 20 नक्सली ढेर हुए थे। फोर्स ने 1500 जवानों की टीम बनाकर एंटी नक्सल ऑपरेशन (Anti Naxal Operation) ‘प्रहार’ चलाया गया था। नक्सलियों के खिलाफ बीते तीन साल से यह ऑपरेशन चलाया जा रहा है और इसमें सेना को बड़ी कामयाबी हाथ लगती रही है। भारी संख्या में नक्सलियों को ढेर किया जा चुका है।

इस एंटी नक्सल ऑपरेशन (Anti Naxal Operation) में नक्सलियों को सेना के मूवमेंट की भनक लग गई थी। तय किया गया था कि रात भर सर्चिंग कर सुबह तोंडामरका गांव पहुंचा जाएगा। सेना ने जो तय हुआ वैसा ही किया भी था। इसके बाद सेना के जवान पौ फटते ही तोंडामरका के करीब पहुंच गए थे। हालांकि, इसके बाद गांव के करीब ही कैंप लगा लिया गया था।

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इसके बाद डीआरजी और सीआरपीएफ का दस्ता आगे बढ़ने लगा था। वहीं कैंप में रुके जवान नाश्ते की तैयारी कर रहे थे, तभी नक्सलियों ने धमाका कर दिया था। जैसे-जैसे जवान नक्सलियों को ढेर करने उनके करीब जाते धमाके और ज्यादा होने लगते थे। इसके बाद दूसरी दिशा में निकली डीआरजी और सीआरपीएफ टीम भी मुठभेड़ स्थल पर पहुंच गई थी।

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सेना के खिलाफ करीब 300 से ज्यादा नक्सली पोजीशन लेकर बैठे थे, उनमें महिलाएं भी थीं। इसके बाद डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा और सीआरपीएफ ने मोर्चा संभाला और फायरिंग कर 20 नक्सलियों को ढेर कर दिया गया था। इस ज्वॉइंट एंटी नक्सल ऑपरेशन (Anti Naxal Operation) को नक्सलियों के खिलाफ उस बड़ी कार्रवाई के तौर पर देखा जाता है, जिसमें नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचा हो।

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