मेजर सुभाष गुलेरी आज भी हैं पाकिस्तान की जेल में बंद, परिवार को है वतन वापसी की आस

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में  लड़े गए युद्ध के दौरान 9 जाट रेजीमेंट में तैनात मेजर सुभाष गुलेरी (Major Subhash Guleri) को युद्ध बंदी बना लिया गया था। परिवार को आज भी उनकी वतन वापसी का इंतजार है।

Major Subhash Guleri

फाइल फोटो।

मेजर सुभाष गुलेरी (Major Subhash Guleri) के इंताजर में उनकी पत्नी का पहले ही देहांत हो चुका है। लेकिन उनके परिवार के सदस्यों को कहना है कि अगर वे जीवित नहीं हैं तो उनके शरीर के अवशेष हमें सौंप दिए जाएं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में  लड़े गए युद्ध के दौरान 9 जाट रेजीमेंट में तैनात मेजर सुभाष गुलेरी (Major Subhash Guleri) को युद्ध बंदी बना लिया गया था। परिवार को आज भी उनकी वतन वापसी का इंतजार है। देश के लिए दुश्मनों से लोहा लेने वाले इस जवान की वापसी के लिए हर संभव प्रयास परिवार ने किया है, लेकिन आज तक उन्हें मायूसी ही हाथ लगी है।

वीरभूमि हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के जांबाज मेजर सुभाष गुलेरी (Major Subhash Guleri) के जीवित होने की सूचना कई साल पहले पाकिस्तान के रेडियो से मिली थी। हालांकि, इसके बाद उन्हें उनकी को सूचना नहीं मिली। तबसे पूरा परिवार सदमे में है। फिर भी एक उम्मीद जरूर है कि उनकी वतन वापसी जरूर होगी।

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धर्मशाला स्थित श्यामनगर के जवान मेजर सुभाष गुलेरी को लेकर परिवार का कहना है कि वे लाहौर की लखपत जेल में बंद हैं। हालांकि, अपने पति के इंताजर में उनकी पत्नी का पहले ही देहांत हो चुका है। लेकिन उनके परिवार के सदस्यों को कहना है कि अगर वे जीवित नहीं हैं तो उनके शरीर के अवशेष हमें सौंप दिए जाएं।

बता दें कि मेजर सुभाष गुलेरी (Major Subhash Guleri) का नाम भारत सरकार की ओर से जारी की गई 54 मिसिंग डिफेंस पर्सनल की सूची में भी शुमार है। आज भी हमारे 54 सैनिक पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं। पाकिस्तान इस बात से इनकार करता आया है लेकिन हमारे पास पर्याप्त सबूत भी हैं।

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इन 54 सैनिकों में से 30 सैनिक थल सेना (Indian Army) के और 24 वायु सेना (Indian Air Force) से जुड़े हैं। इन सैनिकों की वतन वापसी की उम्मीदें आज भी जिंदा हैं लेकिन पाकिस्तान अपनी नापाक सोच से बाहर निकले तो हमें हमारे वीर सपूत वापस मिल सकेंगे।

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