Kargil War: युद्ध की कहानी एयर चीफ मार्शल टिपनिस की जुबानी, जानें कैसा था इनका अनुभव

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) ने कहर बरपाया था। दुश्मनों को बुरी तरह से हराकर भारतीय वीर जवानों ने दिखा दिया था कि देश की रक्षा के लिए वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।

Kargil War

एयर चीफ मार्शल एवाई टिपनिस।

Kargil War: युद्ध को लेकर एयर चीफ मार्शल एवाई टिपनिस ने भी कई मौकों पर अपने अनुभव साझा किए हैं। युद्ध में शामिल रहे टिपनिस के मुताबिक इस युद्ध में कई चुनौतियां थीं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) ने कहर बरपाया था। दुश्मनों को बुरी तरह से हराकर भारतीय वीर जवानों ने दिखा दिया था कि देश की रक्षा के लिए वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।

सेना ने एक-एक कर पाकिस्तानी सेना के कब्जे वाले इलाकों पर तिरंगा फहराया था। सेना ने बेहद ही बहादुरी के साथ मोर्चा संभालकर दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर दिया था। युद्ध में हमारे सैनिक दुश्मनों पर काल बनकर टूट पड़े थे।

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इस युद्ध (Kargil War) को लेकर एयर चीफ मार्शल एवाई टिपनिस ने भी कई मौकों पर अपने अनुभव साझा किए हैं। युद्ध में शामिल रहे टिपनिस के मुताबिक, इस युद्ध में कई चुनौतियां थीं। ये चुनौतियां ऐसी थीं जिन्हें सोचकर भी परेशानी होने लगती थी।

टिपनिस के मुताबिक, कारगिल की लड़ाई (Kargil War) कई मायनों में सबसे अलग थी। अलग इसलिए थी, क्योंकि किसी को भी, कुछ भी जानकारी नहीं थी। मसलन हमारे खिलाफ कितने दुश्मन मोर्चा संभाले छिपे हैं। आखिर वे छिपे कहां हैं और उनके पास क्या-क्या हथियार हैं। ये ऐसी जानकारियां थीं, जिनके बिना युद्ध लड़ना बेहद चुनौतीपूर्ण था।

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वे बताते हैं, “सबसे बड़ी चुनौती तो दुश्मनों का कई फीट ऊंचाई वाली जगहों पर छिपा होना थी। दुश्मन 18 हजार फीट तक की ऊंचाई पर बैठा था। ये ऐसा क्षेत्र था जहां एयर फोर्स का इस्तेमाल भी मुश्किल था। पर हमारी थल सेना और वायु सेना ने प्लानिंग के साथ लड़ाई लड़ी और दुश्मनों को बुरी तरह से भगा-भगाकर मारा था।”

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