Kargil War: वह शहीद जिसने तीन चौकियों पर फहराया था तिरंगा, 21 साल की उम्र में देश के लिए दी कुर्बानी

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) ने शानदार प्रदर्शन किया था। इस युद्ध में हर जवान का योगदान बेहद अहम माना जाता है।

Pavitra Kumar

भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट के शहीद जवान पवित्र कुमार।

Kargil War: अपनी जान की परवाह न करते हुए दुश्मनों से लोहा लेते हुए पवित्र कुमार (Pavitra Kumar) मात्र 21 वर्ष की आयु में देश के लिए शहीद हो गए।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) ने शानदार प्रदर्शन किया था। इस युद्ध में हर जवान का योगदान बेहद अहम माना जाता है। वहीं कुछ जवान ऐसे होते हैं जिनकी वीरगाथा हमेशा याद रखी जाती है। इनके शौर्य के चर्चे हमेशा होते हैं।

इस युद्ध में ऐसे ही एक जवान हरियाणा के हिसार के मिलकपुर गांव के किसान परिवार में जन्मे पवित्र कुमार (Pavitra Kumar) भी थे। उनका जन्म 9 अगस्त, 1978 को गांव मिलकपुर में हुआ था। पवित्र कुमार ने युद्ध में ऐसा पराक्रम दिखाया था जिसे यादकर दुश्मन देश आज भी कांप उठता होगा।

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दरअसल, भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट के जांबाज जवान पवित्र (Pavitra Kumar) ने तीन पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया था। इसके साथ ही 11 पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर भी किया था। उन्होंने दुश्मन की तीन चौकियों पर तिरंगा फहराया था।

जब वह चौथी चौकी पर तिरंग फहराने जा रहे थे, तभी दुश्मनों ने उन पर वार कर दिया था। दुश्मन की गोली पवित्र कुमार (Pavitra Kumar) के सीने को छलनी कर गई और वह ‘भारत माता की जय’ बोलते हुए शहीद हो गए थे।

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अपनी जान की परवाह न करते हुए दुश्मनों से लोहा लेते हुए मात्र 21 वर्ष की आयु में वे देश के लिए शहीद हो गए। शहीद होने के बाद सरकार की तरफ से परिवार की मदद की गई थी। सहायता के तौर पर शहीद के परिवार को एक गैस एजेंसी, एक सरकारी नौकरी और दस लाख रुपये नकद सरकार की और से दिए गए थे।

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