कश्मीर को कबायलियों से बचाने में ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह की भूमिका थी सबसे अहम, जानें कैसे

युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) कश्मीर की हिफाजत के लिए पाक सैनिकों और कबायलियों को नेस्तनाबूद कर दिया था। हमलों ने तत्कालीन राजा हरि सिंह की चिंताएं बढ़ा दी थीं।

Brigadier Rajender Singh

ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह।

India Pakistan War 1948: इस युद्ध में ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह (Brigadier Rajender Singh) की अहम भूमिका रही थी। उन्होंने कश्मीर को कबायलियों से बचाने में अहम योगदान दिया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1948 में युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तानी सैनिकों को भगा-भगाकर मारा था। पाकिस्तान को बुरी तरह से हराकर ही भारतीय सैनिकों ने चैन की सांस ली थी। इस युद्ध में ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह (Brigadier Rajender Singh) की अहम भूमिका रही थी। उन्होंने कश्मीर को कबायलियों से बचाने में अहम योगदान दिया था।

वह जम्मू-कश्मीर की आर्मी के प्रमुख भी थे। दरअसल, जब पाकिस्तानी कबायलियों ने कश्मीर पर आक्रमण किया तो तत्कालीन कश्मीर के राजा हरि सिंह ने उन्हें हमले को नाकाम करने की जिम्मेदारी दी थी।

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युद्ध में भारतीय सेना ने कश्मीर की हिफाजत के लिए पाकिस्तानी सैनिकों और कबायलियों को नेस्तनाबूद कर दिया था। कबायलियों द्वारा लगातार बढ़ते हमलों ने कश्मीर के तत्कालीन राजा हरि सिंह की चिंताएं बढ़ा दी थीं।

इसके बाद ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह (Brigadier Rajender Singh) ने करीब 150 जवानों और सीमित हथियारों के बावजूद पाकिस्तानी हमलावरों को चार दिन तक रोके रखा था। इसके बाद के घटनाक्रम में युद्ध भारत के पक्ष में गया। बेहद ही कम सैनिकों के साथ उन्होंने दिखा दिया था कि सेना देश की रक्षा के लिए किस हद तक जा सकती है।

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दुश्मनों को चार दिनों तक रोके रखने से राजा हरि सिंह को भारत सरकार के साथ बातचीत का मौका मिल गया था। इस दौरान सोच विचार कर उन्होंने कश्मीर के भारत में विलय के लिए हामी भर दी थी। इसके बाद भारतीय सेना के अन्य जवान भी कश्मीर पहुंचे और युद्ध में पाकिस्तान को हराकर ही दम लिया।

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