
राजस्थान के सीकर के रामपुरा गांव के शहीद विनोद कुमार की पत्नी सविता देवी।
Kargil War: एक वीरांगना बीते 22 साल से कश्मीरी दुपट्टा ओढ़कर अपने शहीद पति को याद करती है। राजस्थान के सीकर के रामपुरा गांव के विनोद कुमार (Vinod Kumar) देश के लिए कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान हमारे वीर सपूतों ने शानदार प्रदर्शन किया था। युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हराकर ही जवानों ने दम लिया था। सेना (Indian Army) के सामने इस युद्ध में एक से बढ़कर एक चुनौतियां थीं, लेकिन सेना ने रणनीति, साहस और बलिदान के दम पर जीत हासिल की थी।
युद्ध में पाकिस्तान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में था, लेकिन फिर भी हमारी सेना ने जीत हासिल की थी। लड़ाई करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ी गई थी। 500 से ज्यादा जवान ऐसे थे जो कि दुश्मनों से लोहा लेते हुए जंग के मैदान में ही शहीद हो गए थे। युद्ध में भारत के 1300 से ज्यादा जवान घायल हुए थे।
पहले वेतन से पत्नी के लिए घड़ी लाया था कारगिल का ये शहीद, वीरांगना के लिए अब यही है सबकुछ
इस युद्ध में शहीद हुए एक शहीद की वीरांगना पत्नी बीते 22 साल से कश्मीरी दुपट्टा ओढ़कर अपने शहीद पति को याद करती है। राजस्थान के सीकर के रामपुरा गांव के विनोद कुमार (Vinod Kumar) देश के लिए कारगिल में शहीद हुए थे।
उनकी पत्नी सविता देवी उन्हें हर दिन याद करती है। यादों को एक दुपट्टे ने संजो कर रखा हुआ है। दरअसल, साल 1998 में जब वे कश्मीर में तैनात थे। छुटि्टयों में पत्नी सविता देवी के लिए एक कश्मीरी दुपट्टा और साड़ी लाए थे। आज यह दुपट्टा और साड़ी उनकी आखिरी निशानी है।
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शहीद विनोद कुमार (Vinod Kumar) की पत्नी इस दुपट्टे को ओढ़कर अक्सर पति को को याद करती हैं। वे दुपट्टे को लेकर बताती हैं, “दुपट्टे के चटख रंग उन्हें और मुझे बेहद पसंद थे। जब इसे छू लेती हूं तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे कल की ही बात हो। इस दुपट्टे से मेरी और उनकी बहुत सी यादें जुड़ी हुईं हैं।”
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