Kargil War: 19 साल की उम्र में पाकिस्तानी सैनिकों से भीड़ गए थे, जंग के मैदान में 17  दिन तक नहीं खाया था खाना

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान एक 19 साल के जवान ने देश भक्ति का शानदार परिचय दिया था। इस जवान ने जंग के मैदान में 17 दिन तक खाना नहीं खाया था।

Special Frontier Force

सांकेतिक तस्वीर।

Kargil War: कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान एक 19 साल के जवान ने देश भक्ति का शानदार परिचय दिया था। इस जवान ने जंग के मैदान में 17 दिन तक खाना नहीं खाया था। महज 19 साल की उम्र में 14 जैक राइफल में शामिल होने वाले हरपाल शर्मा (Harpal Sharma) ने युद्ध के दिनों के अनुभव को साझा किया है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान एक 19 साल के जवान ने देश भक्ति का शानदार परिचय दिया था। इस जवान ने जंग के मैदान में 17 दिन तक खाना नहीं खाया था। महज 19 साल की उम्र में 14 जैक राइफल में शामिल होने वाले हरपाल शर्मा (Harpal Sharma) ने युद्ध के दिनों के अनुभव को साझा किया है।

कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) के वीर सपूतों ने दुश्मनों को भगा-भगाकर मारा था। कश्मीर हड़पने का सपना लेकर आए पाकिस्तानी जवान जंग के मैदान में बुरी तरह से विफल साबित हुए थे। युद्ध की वजह थी- पाकिस्तान का धोखा।

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हरपाल शर्मा (Harpal Sharma) बताते हैं, “युद्ध के दौरान मुझे और मेरे साथियों को करीब 17 दिन बाद कुकर के तले में चिपके अधजले चावल मिले थे। मैंने और मेरे साथियों ने इन्हें चीनी के साथ खाया था। यह मेरी जिंदगी का सबसे स्वादिष्ट खाना था।”

वे आगे बताते हैं, “युद्ध के दौरान हमें कई विकट परिस्थितियों से गुजरना पड़ा, पर देश सेवा के जज्बे ने मेरे और मेरे साथियों के हौसलों को पस्त नहीं होने दिया। हम रात में चलते थे और दिन में छिप जाते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि दुश्मनों ने करीब 15 से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद कई पोस्ट पर कब्जा कर रखा था। हमारी एक झलक दिखने पर वह हमपर हमला कर सकते थे। इसलिए हम सुबह पांच बजे के करीब अपने आप को किसी पत्थर या बड़ी चट्टान के पीछे छुपा लेते थे।”

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हरपाल शर्मा (Harpal Sharma) कहते हैं, “युद्ध शुरू होने के बाद हमारी टुकड़ी को श्रीनगर से आगे द्रास सेक्टर में लड़ाई के लिए भेज दिया गया था। लड़ाई के दौरान खाने का सामान लगभग खत्म हो गया था और इस दौरान मैंने और मेरे साथियों ने दिन में दो चम्मच मैगी और ड्राई फ्रूट्स खाकर गुजारा किया था। लेकिन जब 17 दिन बाद कुकर के तले में चिपके अधजले चावल मिले थे, तो मैंने और मेरे साथियों ने इसे चीनी के साथ खाया था। यह मेरी जिंदगी का सबसे स्वादिष्ट खाना था।”

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