War of 1965: युद्ध में हुआ था इन घातक हथियारों का इस्तेमाल, PAK के पास थे आला दर्जे के अमेरिकी टैंक

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध (War Of 1965) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ यह सोचकर युद्ध छेड़ा था कि 1962 में चीन से हार के बाद वह हमें हरा देगा।

War of 1965

फाइल फोटो।

War of 1965: पाकिस्तान को हर मोर्चे पर विफल किया गया था। इस युद्ध में 720 टैंकों, 186 सेंचुरियन, शेरम टैंक, 90 एएमएक्स, पैटन टैंक, 7.62 मिमी की सेल्फ-लोडिंग इशापोर राइफल का इस्तेमाल किया गया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध (War Of 1965) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ यह सोचकर युद्ध छेड़ा था कि 1962 में चीन से हार के बाद वह हमें हरा देगा। पाकिस्तान का ऐसा सोचना ही उसे भारी पड़ा था।

इस युद्ध (War Of 1965) में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने वीर सपूतों और घातक हथियारों के दम पर जीत हासिल की थी। पाकिस्तान को हर मोर्चे पर विफल किया गया था। इस युद्ध में 720 टैंकों, 186 सेंचुरियन, शेरम टैंक, 90 एएमएक्स, पैटन टैंक, 7.62 मिमी की सेल्फ-लोडिंग इशापोर राइफल का इस्तेमाल किया गया था।

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माना जाता है कि 7.62 मिमी की सेल्फ-लोडिंग इशापोर राइफल ने इस युद्ध में अहम भूमिक निभाई थी। इन सबके अलावा इस युद्ध में आर्टिलरी गन का बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया गया था। वहीं, वायु सेना के नैट लड़ाकू विमानों ने भी इस युद्ध में दुश्मनों पर भर-भरकर बम बरसाए थे।

1965 युद्ध (War Of 1965) के दौरान वायुसेना के 4 हंटर विमानों ने 580 नॉट्स की रफ्तार से एलओसी पार की थी। पाकिस्तान के रायविंड रेलवे स्टेशन के यार्ड में एक मालगाड़ी पर ताबड़तोड़ बम बरसाए गए थे। 

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पाकिस्तान के भी पास आला दर्जे के अमेरिकी हथियार थे। युद्ध (War Of 1965) का अंत युनाइटेड नेशन्स द्वारा युद्ध विराम की घोषणा के साथ हुआ और जनवरी, 1966 में ताशकंद समझौता हुआ। जिसके मुताबिक दोनों ने एक दूसरे के इलाके को वापस कर दिया।

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