लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों ने IED ब्लास्ट कर मचाया था हड़कंप, हुई थी 14 लोगों की मौत

चुनाव के दौरान बड़े हमलों को अंजाम देकर नक्सली (Naxals) लोगों के बीच अपना खौफ और सरकार के प्रति अपनी विचारधारा को खुले तौर प्रदर्शित करते हैं।

Naxal Attack

सांकेतिक तस्वीर।

Naxal Attack: राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही संजीवनी एंबुलेंस को नक्सलियों ने बारूदी सुरंग विस्फोट में तहस-नहस कर दिया था। वहीं दूसरे हमले में पोलिंग पार्टी को लेकर वापस लौट रही बस को निशाना बनाया गया था।

चुनाव से पहले नक्सली कई बार बड़े हमलों (Naxal Attack) को अंजाम दे चुके हैं। साल 2014 में भी नक्सलियों ने ऐसा ही किया था। चुनाव के दौरान बड़े हमलों को अंजाम देकर नक्सली (Naxals) लोगों के बीच अपना खौफ और सरकार के प्रति अपनी विचारधारा को खुले तौर प्रदर्शित करते हैं।

इन्हें प्रदर्शित करने का नक्सलियों के पास एकमात्र तरीका है पीठ पीछे से वार करना। नक्सली इन हमलों के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने की साजिश रचते आए हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले 12 अप्रैल के दिन छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने बस्तर के बीजापुर और दरभा घाटी में आईईडी ब्लास्ट (IED Blast) किया था। इन दो विस्फोट में पांच जवान शहीद हो गए थे। जबकि 9 अन्य लोग भी मौत के घाट उतार दिए गए थे।

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छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही संजीवनी एंबुलेंस को बारूदी सुरंग विस्फोट में तहस-नहस कर दिया था। वहीं, दूसरे हमले (Naxal Attack) में पोलिंग पार्टी को लेकर वापस लौट रही बस को निशाना बनाया गया था। बस को सबसे पहले बम से उड़ाया गया था और फिर निहत्थे मतदानकर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी। पांच जवानों के अलावा जो लोग मौत के घाट उतार दिए गए थे।

दरअसल, नक्सलियों ने पहला हमला करीब 11 बजे बीजापुर जिले के केतुलनार गांव के पास किया था। उन्होंने मतदान कर्मियों को ले जा रही बस को बारूदी विस्फोट से उड़ा दिया था। इसके बाद गोलीबार भी की गई। जैसे ही गोलीबारी शुरू हुई तो नक्सली जंगलों में जाकर छिप गए। इस हमले (Naxal Attack) में करीब 75 से 100 नक्सली शामिल थे।

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इसके एक घंटे बाद एक और हमले को अंजाम दिया गया। यानी की बस्तर एक ही दिन में दोहरे हमलों से दहला दिया गया था। बीजापुर से 100 किलोमीटर दूर जगदलपुर जिले की दरभा घाटी में इस हमले को अंजाम दिया गया था। इस हमले में नक्सलियों ने एक एंबुलेस को टारगेट किया था।

नक्सलियों ने एंबुलेंस को विस्फोटक से उड़ा दिया था। हमले (Naxal Attack) के बाद एंबुलेंस के चिथड़े उड़ गए थे। सुरक्षा में तैनात पांच जवान शहीद हो गए थे। इसके साथ ही एंबुलेंस में सवार ड्राइवर और कंपाउंडर की भी मौत हो गई थी। नक्सली चुनाव से पहले या चुनाव के दौरान इसी तरह के हमले कर लोगों के बीच खौफ पैदा करने की कोशिश करते रहे हैं।

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बता दें कि साल 2013 में भी नक्सलियों ने झीरम घाटी हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में 29 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में कांग्रेस नेता समेत स्थानीय लोग भी शामिल थे। इसके एक साल बाद यानी 2014 में भी झीरम से कुछ दूर नक्सलियों ने एक और बड़ा हमला (Naxal Attack) किया था। इस हमले में 15 जवान शहीद हुए थे और एक ग्रामीण की भी मौत हुई थी।

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