Bijapur Sukma Encounter: शहीद रमेश कुमार जुर्री तीन दिन पहले ही मां से मिले थे, चार साल की बेटी के सिर से उठा पिता का साया

Bijapur Sukma Encounter: मां तीन दिन पहले ही बेटे से मिलकर अपने गांव लौटी थी। मां से मिलने के बाद जुर्री ड्यूटी पर लौटकर सर्च ऑपरेशन में लग गए थे।

Naxalites

सांकेतिक तस्वीर

Bijapur Sukma Encounter: मां तीन दिन पहले ही बेटे से मिलकर अपने गांव लौटी थी। मां से मिलने के बाद जुर्री ड्यूटी पर लौटकर सर्च ऑपरेशन में लग गए थे। रमेश 2010 से बीजापुर डीआरजी में पदस्थ थे।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर के तर्रेम इलाके में शनिवार की दोपहर नक्सली हमले में 23 जवान शहीद हो गए। इनमें कांकेर जिले के रहने वाले जवान रमेश कुमार जुर्री भी शामिल हैं। जवान की शहादत की खबर मिलते ही परिवार में मामत पसर गया है। कांकेर जिले से बीते दस दिन में तीन जवान शहीद हो चुके हैं।

जुर्री चारामा के पंडरीपानी के रहने वाले थे। शहीद रमेश का पार्थिव शरीर कल दोपहर तक उनके गृह ग्राम लाया जाएगा, जिसके बाद शहीद का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। जुर्री के परिवार में मां के अलावा पत्नी और चास साल के बेटी थी। वह बीजापुर में ही पत्नी और बेटी के साथ रह रहे थे।

मां तीन दिन पहले ही बेटे से मिलकर अपने गांव लौटी थी। मां से मिलने के बाद जुर्री ड्यूटी पर लौटकर सर्च ऑपरेशन में लग गए थे। रमेश 2010 से बीजापुर डीआरजी में पदस्थ थे। 2 माह पहले ही उनका परमोशन किया गया था। रमेश की शादी 2015 में हुई थी।

बता दें कि शहीद जवानों में शहीद जवानों में डीआरजी के 8, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के 6, बस्तर बटालियन का एक जवान और कोबरा बटालियन के 9 सैनिक हैं।

नक्सलियों के संगठन पीपुल्स लिबरेशन ग्रुप आर्मी प्लाटून वन की यूनिट ने इस हमले को अंजाम दिया है। सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के सबसे मजबूत गढ़ बीजापुर में यह ऑपरेशन चलाया था।

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