CRPF

कांस्टेबल को दाहिनी जांघ में गोली लगी थी और अस्पताल में उसकी सर्जरी की गई। पुलिस ने कहा कि नक्सलियों (Naxalites) की तलाश में भामरागढ़ जंगल में सर्च ऑपरेशन जारी है। 

वालाडी ने 18 फरवरी, 2020 को सरेंडर कर दिया था, जबकि दुल्हन ने चार साल पहले 5 जनवरी, 2016 को अपने हथियार डाल दिए थे। इसके बाद, उन दोनों की मुलाकात भवानीपटना के एक अस्पताल में हुई।

काकपुराआतंकी हमले के जवाब में सुरक्षाबलों ने भी छानबीन के दौरान आतंकी मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया है। जिनमें से एक विदेशी आतंकी सहित एक स्थानीय आतंकी शामिल है। 

नक्सली वाड्डे कंपनी नंबर दस में क्षेत्रीय समिति के सदस्य के रूप में काम कर रहा था और वह 2020 में कोटी गांव में पुलिसकर्मी दुष्यंत पंढारी नंदेश्वर की नृशंस हत्या में शामिल था।

नर्मदा एक्का (Naxali Narmada Ekka) को 11 जून, 2019 को पति किरण उर्फ ​​सुधाकर के साथ गढ़चिरौली नक्सल हमले में उनकी कथित भूमिका के लिए पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

पिछले साल अगस्त से सीमा पार फिर से सक्रिय इन आतंकी ठिकानों पर करीब 60-80 आतंकी (Terrorists) मौजूद हैं और ये सभी अफगान युद्ध से लौटे हैं जो ज्यादातर पाक मूल के भाड़े के लड़ाके हैं।

मुठेभड़ के बाद घटनास्थल से सुरक्षाबलों ने ऑटोमेटिक हथियार के साथ गोला-बारूद व कुछ अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है। वहीं अभी तक मारे गये आतंकियों (Terrorists) की पहचान नहीं हो पाई है। 

अधिकारियों ने बताया कि ऐसी आशंका है कि इनकी हत्या बुधवार की देर रात या गुरुवार को तड़के गोली मारकर की गयी है। उन्होंने कहा कि विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा है।

आतंकियों ने घटनास्थल पर एक ग्रेनेड फेंका, जिसमें सीआरपीएफ का एक जवान और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। सभी घायलों को फौरन श्रीनगर के 92 बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

छानबीन के दौरान सुरक्षाबलों को एक-47 रायफल के चार जिंदा कारतूस, एक हैंड ग्रेनेड, एक इस्तेमाल किया गया इंजेक्शन,  लाइटर, 1400 रुपए की भारतीय करेंसी (पुराने 500 के दो नोट शामिल) बरामद किया है।

गिरफ्तार आतंकी सहयोगियों के पास चीनी हैंडग्रेनेड और अन्य सामान बरामद हुआ है। शुरुआती जांच से पता चला है कि ये सभी जिले में सक्रिय आतंकियों को मोबाइल सिम कार्ड, रसद व अन्य स्थानीय मदद दिया करते थे।  

सुरक्षाबलों ने तीन आतंकी सहयोगियों (Terrorist Associates) को हिरासत में लिया है, जिनकी पहचान पुलवामा जिले के ओवैस अल्ताफ निवासी जांदवाल, आकिब मंजूर निवासी गुडुरा और वसीम अहमद पंडित निवासी करीमाबाद के तौर पर हुई है

बीजबेहाड़ा चेकपोस्ट पर तैनात सुरक्षाकर्मी हर आने-जाने की तलाशी ले रहे थे। तभी एक संदिग्ध शख्स चेकपोस्ट को देखते ही दबे पाँव भागने की कोशिश करने लगा। सुरक्षाबलों ने उस शख्स को दौड़ाकर दबोच लिया।

गिरफ्तार महिला ने सीआरपीएफ (CRPF) के बंकर पर पेट्रोल बम फेंका था। इस हमले में एक सीआरपीएफ व एक पुलिस जवान घायल हो गये। बताते चलें कि हमलावर के खिलाफ यूएपीए के तहत तीन मामले दर्ज हैं।

दोनों नक्सली 2019 में प्रतिबंधित नक्सल संगठन में शामिल हुए थे और वे चेरला में गुरिल्ला दस्ते के लिए काम कर रहे थे। सरेंडर करने वाले दोनों नक्सलियों (Naxalites) की उम्र 21 साल है और इनके पास घातक हथियार थे।

विशेष पुलिस अधिकारी इशफाक अहमद की बडगाम में उनके आवास के पास गोली मार कर हत्या का दी थी। इस घटना में उनके भाई उमर जान को भी गोलियां लगी थीं।

रैनावारी इलाके में एक नाके पर आतंकियों ने हथगोले से हमला किया, लेकिन यह हथगोला अपने निर्धारित लक्ष्य से चूक गया। इस हमले में एक पुलिसकर्मी और एक सीआरपीएफ का जवान मामूली रूप से जख्मी हो गए।

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