ओडिशा: इलाज के दौरान अस्पताल में हुआ प्यार, फिर डाला हथियार, अब पुलिस ने कराया दोनों नक्सलियों का विवाह

वालाडी ने 18 फरवरी, 2020 को सरेंडर कर दिया था, जबकि दुल्हन ने चार साल पहले 5 जनवरी, 2016 को अपने हथियार डाल दिए थे। इसके बाद, उन दोनों की मुलाकात भवानीपटना के एक अस्पताल में हुई।

Odisha: Surrendered Naxalites tie knot in presence of Police

ओडिशा के कालाहांडी जिले में भवानीपटना रिजर्व पुलिस कैंपस में शुक्रवार को सरेंडर कर चुके दो नक्सलियों (Naxalites) ने शादी की। इस खास मौके पर परिसर में मौजूद सभी पुलिस वाले बेहद खुश नजर आये और सभी ने नवदंपत्ति को नये सफर की मंगलकामनायें दी।   

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छत्तीसगढ़ के रहने वाले 29 वर्षीय रामदास केशव वालाडी ने अलग-अलग इलाकों में छापामार लड़ाके का जीवन व्यतीत करने के बाद, रिजर्व पुलिस परिसर के एक मंदिर में कालाहांडी की मूल निवासी 25 वर्षीय कलामदेई मांझी से शादी कर ली।

गौरतलब है कि वालाडी ने 18 फरवरी, 2020 को सरेंडर कर दिया था, जबकि दुल्हन ने चार साल पहले 5 जनवरी, 2016 को अपने हथियार डाल दिए थे। इसके बाद, उन दोनों की मुलाकात भवानीपटना के एक अस्पताल में हुई, जहां वालाडी के पिता मोतियाबिंद की सर्जरी करवा रहे थे।

पुलिस को जब दोनों पूर्व नक्सलियों (Naxalites) की शादी करने की इच्छा के बारे में पता चला, तो उन्होंने शादी की व्यवस्था करने और खर्च वहन करने का फैसला किया।

सरेंडर करने वाले नक्सलियों के परिवार के सदस्यों के अलावा शादी में राजेश पंडित, पुलिस उप महानिरीक्षक (दक्षिण पश्चिमी रेंज) कोरापुट, डॉ सरवण विवेक एम, कालाहांडी पुलिस अधीक्षक, और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 64 वीं बटालियन के कमांडेंट बिप्लब सरकार शरीक हुए।

वालाडी करीब नौ सालों तक प्रतिबंधित सीपीआई(एम) संगठन के कंधमाल-कालाहांडी-बौध-नयागढ़ (केकेबीएन) डिवीजन का सदस्य था, जबकि मांझी प्रतिबंधित संगठन के बंसधारा-घुमुसुर-नागबली (बीजीएन) डिवीजन की सदस्य थी।

पुलिस अधिकारी के अनुसार, दोनों इस झूठी धारणा के तहत संगठन में शामिल हुए कि नक्सली आदिवासियों के हित में काम कर रहे हैं, लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि लाल विद्रोही वास्तव में विकास विरोधी थे।

कालाहांडी पुलिस के सामने सरेंडर करने के बाद वालाडी को पुनर्वास पैकेज के तहत 3.98 लाख रुपये मिले। वहीं, मांझी को सरेंडर के बाद पुनर्वास के लिए 2.98 लाख रुपये मिले थे।

इस अवसर पर डीआईजी पंडित ने नक्सलियों (Naxalites) से वालाडी और मांझी की तरह बेहतर जीवन जीने के लिए अपने हथियार डालने का आग्रह किया।

साभार: भाषा

 

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