
Gadchiroli Naxal Attack
Gadchiroli Naxal Attack 2019: महाराष्ट्र दिवस के मौके पर गढ़चिरौली में हुए इस नक्सली हमले (Naxal Attack) की खबर सुनते ही हर देशवासी का खून खौल उठा था। पुलिस की गाड़ी को उस वक्त निशाना बनाया जब कमांडोज उस जगह जा रहे थे।
नक्सलियों (Naxals) ने कई मौकों पर हमारे वीर सपूतों पर घात लगाकर हमला (Naxal Attack) किया है। हमले से पहले नक्सली बेहद ही गुप्त तरीके से सेना के मूवमेंट और उनकी प्लानिंग की जानकारी हासिल करते आए हैं। जवानों को टारगेट कर वह यह जताने की भी कोशिश करते हैं कि वे बेखौफ हैं और किसी को भी अपना निशाना बना सकते हैं।
नक्सलियों ने कई मौकों पर इसे साबित भी किया है। जवानों के अलावा नक्सलियों ने नेताओं और आम लोगों को भी मौत के घाट उतारा है। नक्सलवाद (Naxalism) की समस्या हमारे देश के कई राज्यों में एक बड़ी समस्या बन चुकी है। नक्सली देश में रहकर, देश का खाकर,देश के खिलाफ ही खड़े हैं। ऐसे हमलों से हमारी सेना का मनोबल कभी कम नहीं होता बल्कि बढ़ता है। नक्सलियों का सफाया करना हमारे जवानों का एकमात्र संकल्प है।
नक्सलियों ने 2018 में किए थे कई बड़े हमले, जवानों से लेकर नेताओं को बनाया था निशाना
साल 2019 के मई महीने में नक्सलियों ने महाराष्ट्र में बड़ा हमला (Gadchiroli Naxal Attack) किया था। हमला 1 मई को किया गया था। तय समय और तय प्लानिंग के तहत हमले को अंजाम दिया गया था। देश ने 15 वीर सपूतों की शहादत का गम झेला था। यह दर्द आज तक कम नहीं हो सका है। नक्सलियों को इस हमले के लिए जितनी बड़ी सजा दी जाए उतना कम है।
1 मई की यह घटना महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में अंजाम दी गई थी। नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के एक वाहन को बारूदी सुरंग के जरिए निशाना बनाया था। पुलिस के वाहन पर इस हमले को जंबोरखेड़ी और लेंढ़ारी के बीच अंजाम दिया गया था। ये जवान महाराष्ट्र पुलिस के सी-60 कमांडोज थे। घटना जिले की कुरखेड़ा तालुका के पास अंजाम दी गई थी।
महाराष्ट्र दिवस पर गढ़चिरौली में इस नक्सली हमले (Gadchiroli Naxal Attack) की खबर सुनते ही हर देशवासी का खून खौल उठा था। पुलिस की गाड़ी को उस वक्त निशाना बनाया जब कमांडोज उस जगह जा रहे थे, जहां सुबह ही माओवादियों ने करीब 25 से 30 गाड़ियों को आग के हवाले किया था।
इसके साथ ही दो दफ्तर को भी आग के हवाला कर दिया गया था। इससे पूरे इलाके में दहशत का मौहाल था। यह महाराष्ट्र में 2017 और 2018 के बाद सबसे बड़ा नक्सली हमला था।
दरअसल, इस स्थान से कुछ दूर पर ही 22 अप्रैल, 2018 को इसी सी-60 कमांडो यूनिट ने एक ऑपेरशन में 40 बड़े नक्सलियों को मार गिराया था।
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बताया जाता है कि नक्सलियों ने इसी का बदला लेने के लिए सी-60 कमांडों को टारगेट किया। इस पूरे ऑपरेशन का श्रेय सी-60 को दस्ते को दिया गया था, क्योंकि इस फोर्स के जवानों की ट्रेनिंग ऐसे हालातों से निपटने के लिए ही की जाती है। सी-60 के जवानों को जंगल में चलाए जाने वाले ऐसे ऑपरेशन के लिए विशेष रूप से ट्रेनिंग दी जाती है।
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