Naxali

सुरक्षाबल के जवान रविवार को बीजापुर के जंगलों में छानबीन के लिए निकले थे। इसी दौरान चेरला-पामेड़ सड़क मार्ग के पास से ही 6 लोगों को संदिग्ध परिस्थिति में गिरफ्तार किया।

दोनों नक्सली 2019 में प्रतिबंधित नक्सल संगठन में शामिल हुए थे और वे चेरला में गुरिल्ला दस्ते के लिए काम कर रहे थे। सरेंडर करने वाले दोनों नक्सलियों (Naxalites) की उम्र 21 साल है और इनके पास घातक हथियार थे।

जंगल से बरामद सामान में  1 एचई बम, 66 बीजीएल सेल, 3 क्षतिग्रस्त मोर्टार, 25 मीटर कोर्डेक्स वायर, 17 इलेक्ट्रानिक डेटोनेटर, 5 मीटर फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रानिक वायर, 7 एचडी काट्रिज, 12 पैकेट स्टील बाल बेरिंग सहित अन्य विस्फोटक शामिल है। 

मारे गये तीन नक्सलियों में से दो की पहचान टीएसपीसी के जोनल कमांडर जितेंद्र यादव और चंचल सिंह के तौर पर की गई है लेकिन तीसरे नक्सली की अभी पहचान नहीं हो पाई है। 

घायल महिला को जंगल से निकालकर फौरन भोपालपटनम के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद सुरक्षाबलों की एक टीम गठित कर हमले के लिए जिम्मेदार नक्सलियों (Naxalites) की तलाश शुरू कर दी गई है।

नक्सली मीठू 2008 में प्लाटून सदस्य क रूप में नक्सली संगठन में भर्ती हुआ था। सितंबर 2009 में वह माड़ डिवीजन के सदस्य रणदेर का गार्ड बना। सितंबर 2016 को सेक्शन बी का कमांडर बनाया गया फिर नवंबर 2018 में 16 नंबर प्लाटून के डिप्टी कमांडर की जिम्मेदारी सौंपी गई। 

जीड़ाबागु नाले के पास पुलिस टीम पर फायरिंग और ब्लास्ट में इन्ही चारों नक्सलियों का हाथ था। इस हमले में सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट तिर्की शहीद हो गये थे।

दो दिन पहले भी कांकेर जिले में ही आधा दर्जन नक्सलियों (Naxalites) ने गुमझीर गांव में लगे मेले के दौरान एक नगर सेना के जवान की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसकी भी जांच बड़े पैमाने पर चल रही है।  

आधा दर्जन नक्सलियों (Naxalites) का एक दस्ता मुर्गा बाजार पहुंचा और देसी कट्टे से जवान की गोली मार कर हत्या कर दी।घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए।

आत्मसमर्पण करने वाले इन सभी नक्सलियों के खिलाफ पुलिस टीम पर हमले, सड़क छतिग्रस्त, ग्रामीणों की हत्या व लेवी वसूलने जैसे कई मामले दर्ज हैं

17 मार्च को हथियारबंद नक्सलियों (Naxalites) का एक समूह यालम के घर पहुंचा और उसे बाहर ले जाकर धारदार हथियार से काटकर उसकी हत्या कर दी।

नक्सली दीपक तीन हत्याओं, आठ मुठभेड़ों और आगजनी की दो घटनाओं में शामिल था। उसने घात लगाकर छह हमले भी किए थे, जिनमें छत्तीसगढ़ के तमाम इलाकों में 31 पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी।

मुठभेड़ के बाद घटनास्थल की छानबीन के दौरान सुरक्षाबलों ने दो महिला नक्सलियों (Women Naxalites) के शव को बरामद किया, जिनकी पहचान पेदरास एलोएस कमांडर मंजुला और गंगी पुनेम के रूप में हुई।

दो साल पहले आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली इन दोनों के अधीन कार्यरत थे। उन पूर्व नक्सलियों के जरिये ही पुलिस ने इन दोनों कुख्यात नक्सलियों (Naxalites) से संवाद स्थापित किया और इन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए बाध्य किया। 

अलग-अलग थानाक्षेत्रों में कार्रवाई करते हुये सुरक्षाबलों की टीम ने कुल 13 नक्सलियों (Naxalites) को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इन सभी नक्सलियों के खिलाफ बीजापुर व समीपवर्ती थानाक्षेत्रों में कई बड़े आपराधिक मामले दर्ज हैं।

पूना नर्कोम (नई सुबह, नई शुरुआत) अभियान से प्रभावित होकर तथा शोषण, अत्याचार, भेदभाव और स्थानीय आदिवासियों के साथ होने वाली हिंसा से त्रस्त होकर 10 नक्सलियों (Naxalites) ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर किया है।

नक्सली अभय की शादी 6 माह पहले ही हुई थी और शादी के बाद से ही पत्नी उसे लगातार समझाती रही कि सरेंडर कर दीजिये नहीं तो मुठभेड़ में मारे जायेंगे।

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