छत्तीसगढ़: कवर्धा में 8 लाख व 5 लाख के इनामी दो नक्सलियों ने किया सरेंडर, कई नक्सली हमले में रहे थे शामिल

दो साल पहले आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली इन दोनों के अधीन कार्यरत थे। उन पूर्व नक्सलियों के जरिये ही पुलिस ने इन दोनों कुख्यात नक्सलियों (Naxalites) से संवाद स्थापित किया और इन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए बाध्य किया। 

Naxalites

Pic Credit: @Hindustan

छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के कबीरधाम थानाक्षेत्र में प्रशासन के लोन वर्राटू (घर वापसी अभियान) के तहत बड़ी कामयाबी मिली है। यहां प्रतिबंधित नक्सल संगठन के हार्डकोर नक्सल दंपत्ति (Naxalites) ने अपने हथियार डालकर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।

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दुर्ग जोन के इंस्पेक्टर जनरल ओपी पाल के अनुसार, जिले में सक्रिय कान्हा-भोरमदेव डिवीजन कमेटी के ब्रांच बोड़ला एरिया कमेटी के सक्रिय सदस्य 26 वर्षीय करण उर्फ हेमला और उसकी पत्नी 22 वर्षीय अनिता ताती ने नक्सल संगठन की खोखली विचारधारा, शोषण व प्रशासन के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर अपने आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया है। नक्सल कमांडर करण उर्फ हेमला पर प्रशासन ने आठ लाख व महिला नक्सली अनिता पर 5 लाख का इनाम घोषित है। 

पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि दोनों नक्सलियों (Naxalites) ने वर्ष 2019 में शादी करके बीजापुर जिले के गंगालूर थानाक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पैतृक गांव काकेकोरम में रह रहे थे। इन दोनों के खिलाफ सुरक्षाबलों पर कई नक्सली हमले में शामिल होने का आरोप है। इनके आत्मसमर्पण के पीछे मार्च 2020 व जून 2021 में हथियार डालने वाले नक्सलियों का अहम योगदान माना जा रहा है, जो पूर्व में इन दोनों के अधीन कार्यरत थे। उन पूर्व नक्सलियों के जरिये ही पुलिस ने इन दोनों कुख्यात नक्सलियों (Naxalites) से संवाद स्थापित किया और इन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए बाध्य किया। 

गौरतलब है कि एरिया कमांडर करण उर्फ हेमला बीजापुर जिले के गंगालूर थानाक्षेत्र के काकेकोरम गांव का रहने वाला है। उसने वर्ष 2009 में ही गंगालूर एरिया कमेटी का सदस्य बन गया था। जबकि महिला नक्सली अनिता ताती भी बीजापुर जिले की मूल निवासी है और वह वर्ष 2016 में नक्सल संगठन के बोड़ला एरिया कमेटी की सदस्य के तौर पर शामिल हुई । वर्ष 2018 में नक्सली कवर्धा जिले के बोड़ला इलाके में दोनों ने एक साथ काम किया और इसी दौरान इनके बीच प्यार हो गया। फिर वर्ष 2019 में दोनों ने शादी कर ली। इसके बाद से ही दोनों नक्सली (Naxalites) एक साथ रहने लगे और एक साथ कई नक्सल वारदातों को अंजाम भी दिया। पुलिस ने दोनों नक्सलियों को प्रोत्साहन के तौर पर 10-10 हजार की राशि भेंट की साथ ही सरकार से मिलने वाली पुनर्वास नीति के लाभ दिलाने का भी भरोसा दिया। 

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