Naxal

इस हमले में 2 अधिकारियों समेत 32 साल के अनुज सैनी शहीद हुए। मीडिया से बात करते हुए अनुज के पिता चंद्र किरण सैनी ने बताया कि सोमवार रात करीब 12 बजे नक्सली हमला हुआ था।

टीपीसी के कई उग्रवादी देखते ही देखते अमीर बन गए हैं। इन लोगों का साथ परियोजना के कुछ आला अधिकारी और ट्रांसपोटर्स दे रहे हैं। ये सभी NIA के रडार में हैं।

नक्सली संगठन अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर हमले की प्लानिंग कर रहा था। पुलिस को इसकी सूचना मिल गई। जिसके बाद नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई।

साईबाबा दिल्ली यूनिवर्सिटी के राम लाल आनंद कॉलेज में प्रोफेसर थे। उन्हें महाराष्ट्र पुलिस ने दिल्ली के उनके घर से 9 मई, 2014 को गिरफ्तार किया था।

इस बार कोड का सबसे बड़ा फायदा ये है कि अगर सफाईकर्मी, सफाई करने के लिए नहीं पहुंचा तो बार कोड से उनकी लापरवाही सामने आ जाएगी।

एसपी के मुताबिक नक्सली के पास से एक पिस्टल (लोडेड), एके-47 के ग्यारह कारतूस और संगठन की रसीद वगैरह बरामद हुई है।

दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि भैरमगड एरिया कमेटी में बीते 10 सालों में जितनी भी बड़ी घटनाएं हुई हैं, उसमें भल्ला शामिल था।

1 अगस्त को गश्त के दौरान पुलिस के एक दल ने जिले के भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के तिंडोडी गांव से नक्सली (Naxal) महेश यादव को गिरफ्तार कर लिया।

नक्सलियों के सबसे मजबूत कहे जाने वाले दरभा डिवीजन कमेटी के दो शीर्ष नक्सली नेता विनोद और देवा के बीच चल रही खींचतान की खबरें बाहर आई हैं।

झारखंड और बिहार की पुलिस लगातार अपनी सीमा में संयुक्त रुप से अभियान चला रही है, जिसमें कई नक्सली पुलिस की रडार पर हैं।

आशंका जताई जा रही है कि नक्सली संगठन द्वारा जंगल में ही 31 जुलाई तक शहादत दिवस मनाया जा रहा है। सभी संदिग्ध नक्सली दस्ता के सदस्य हो सकते हैं।

एडीजी ने आशंका जताई है कि शहीदी सप्ताह के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ सुरक्षाकर्मी और पुलिस पिकेट पर भी नक्सली हमला हो सकता है।

NIA के एक प्रवक्ता ने बताया कि एजेंसी ने 28 जुलाई को दंतेवाड़ा के रहने वाले तीन युवकों को गिरफ्तार किया है।

हैरानी की बात ये है कि नक्सली जिनकी मदद से यह काम करते हैं, उन्हें भी मौत के घाट उतारने से नहीं कतराते हैं।

नक्सलियों से मुख्यधारा में आने की अपील करते हुए शासन की पुनर्वास नीति के तहत इनाम की राशि दिए जाने का संकल्प भी दोहराया गया है।

ये इलाके पहले विकास से कोसों दूर थे लेकिन अब यहां मोबाइल टावर भी लग गया है और यहां के लोग गूगल भी चलाते हैं।

8 जुलाई को सरेंडर करने के बाद 2 लाख के इनामी नक्सली प्रकाश करताम उर्फ पांडू ने मांग की थी कि उसे ट्रैक्टर दिया जाए , जिसके बाद जिला प्रशासन ने इसका इंतजाम किया.

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