Naxal

नक्सली संगठन (Naxal Organizations) आजकल एनकाउंटर से अधिक सरकारों द्वारा आत्मसमर्पण के लिए चलाए जा रही कल्याणकारी नीतियों एवं पुनर्वास योजनाओं से डर रहे हैं।

जंगलों में छानबीन कर रहे सी-60 के जवानों पर 60-70 की संख्या में मौजूद नक्सलियों (Naxalites) ने गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले के जवाब में जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया।

साल 2017 में भी आरिफ एच शेख (IPS Arif H Sheikh) को पेंसिल्वेनिया में उनके अभियान आमचो बस्तर, आमचो पुलिस” के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया। आईएसीपी द्वारा दिए जाने वाले इस अवार्ड पर लगातार दो सालों से छत्तीसगढ़ पुलिस का कब्जा रहा।

नक्सल पीड़ित परिवारों (Naxalite Affected Families) को 'मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना' के अन्तर्गत निर्धारित न्यूनतम दर पर राशन दिया जायेगा और 'राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना' के अन्तर्गत मिलने वाली सुविधाओं की भी इनकी पात्रता होगी। 

इस नक्सली को गढ़चिरौली पुलिस की विशेषज्ञ युद्धक इकाई सी-60 कमांडो की टीम ने गिरफ्तार किया है। अधिकारी ने बताया कि नक्सली गुड्डू पारसेगढ़ में एक पुलिस टीम पर हमले में मुख्य भूमिका निभाई थी

बीते 8 सालों से यहां 10 किमी की जो सड़क नक्सलियों के कब्जे में थी, उसे मुक्त करा लिया गया है। ऐसा होने से ग्रामीणों को काफी फायदा मिलेगा।

करीब साढ़े 8 बजे नक्सलियों पर फायरिंग की गई। तीन घंटे चली फायरिंग में 16 नक्सली मौके पर ही ढेर कर दिए गए जबकि बाकी नक्सली मौके से भागने में कामयाब हुए थे।

पुलिस फोर्स के सी-60 कमांडो ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। पिछले दो वर्षों में, गढ़चिरौली पुलिस ने विभिन्न मुठभेड़ों में 20 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है।

Naxalites News: अगर एक महिला ठान ले तो अपने हौसले से बड़ी से बड़ी परेशानी का सामना कर सकती है। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा से सामने आया है।

Chhattisgarh: पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के अंतर्गत पेड़ापाल पीड़िया गांव के जंगल में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई।

हैरानी की बात ये है कि नक्सली (Naxalites) इन ग्रामीणों को नैमेड़ इलाके से उठा ले गए थे लेकिन इनमें से 17 लोग वापस लौट आए लेकिन 5 ग्रामीण अभी भी लापता हैं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सलवाद को रोकने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। सभी जिलों के एसपी को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

पकड़े गए नक्सली (Naxalites) टुनिया, नुआ गांव, चमकपुर और झाड़गांव में पोस्टरबाजी कर रहे थे। इन्होंने जैसे ही पुलिस को देखा, वैसे ही जंगल की तरफ भागने लगे।

उस समय नक्सली घटनाएं चरम पर थीं और पुलिस द्वारा नक्सलियों (Naxal) के घर में घुसकर इस प्रकार की कार्रवाई करना खतरे से खाली नहीं था।

एसपी ने एसआईटी टीम का गठन किया और फौरन कार्रवाई की। एसआईटी टीम ने बहुत ही चालाकी से इन उग्रवादियों (Militants) को पकड़ने में सफलता हासिल की है।

Jharkhand: छापामारी दल ने वैन को रोकने की कोशिश की तो उसका चालक उतरकर भागने लगा। अंधेरे की वजह से चालक भागने में सफल रहा।

यह तीनों नक्सली (Naxalites) इतने खूंखार हैं कि तीनों का काम केवल खूनी खेल रचाना है। ये पुलिस को चकमा देने में बहुत माहिर हैं।

यह भी पढ़ें