Naxal News

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित बीजापुर (Bijapur) में 5 अगस्त को हुई मुठभेड़ में मारी गई महिला नक्सली (Woman Naxali) की पहचान मंगली कुरमस के तौर पर हुई है। लेकिन अब उसके शव की सुपुर्दगी को लेकर बात अटक गई है।

सरकार ने ग्रामीण कृषि बाजारों, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों और अस्पतालों को जोड़ने वाली कुल 9338 किलोमीटर सड़क निर्माण को मंजूरी दी थी।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में 'लोन वर्राटू' अभियान (घर लौटो अभियान) रंग ला रहा है। इसके तहत लगातार नक्सलियों (Naxalites) का सरेंडर हो गया। जिले में एक नक्सली कमांडर (Naxali Commander) ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया।

नक्सलियों (Naxalites) द्वारा शहीदी सप्ताह की घोषणा के साथ ही सुरक्षा बल भी पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं। अलर्ट जारी कर नक्सलियों की हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। जवान नक्सल प्रभावित अंदरूनी इलाकों तक गश्ती पर पहुंच रहे हैं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में सुरक्षाबलों ने एक इनामी महिला नक्सली को गिरफ्तार कर लिया।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित बीजापुर (Bijapur) जिले से सुरक्षाबलों ने एक नक्सली (Naxali) को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी 30 जुलाई को हुई। गिरफ्तार नक्सली (Naxalites) अपहरण, पुलिस पार्टी पर हमला और हत्या जैसी वारदातों में शामिल रहा है।

खूंखार नक्सली (Naxals) इस वक्त शहीद सप्ताह मना रहे हैं। नक्सलियों ने 28 जुलाई से लेकर 3 अगस्त तक शहीद सप्ताह मनाए जाने का ऐलान किया था।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में नक्सली (Naxals) 28 जुलाई से 3 अगस्त के बीच शहीदी सप्ताह मना रहे हैं। इस दौरान नक्सली सक्रिय हो जाते हैं। वे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए के लिए हमले (Attack) करते हैं।

नक्सली (Naxalites) आज से अपना शहीदी सप्ताह मना रहे है। बता दें कि इस दौरान नक्सली, पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए अपने साथियों को याद करते हैं। साथ ही नक्सलियों का इस फिराक में रहते हैं कि इस दौरान वे किसी बड़ी घटना को अंजाम दें।

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट जिले में नक्सलियों (Naxals) के शहीदी सप्ताह को देखते हुए सभी नक्सल प्रभावित थानों और चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है। बता दें कि हर साल जुलाई के अंत में नक्सली शहीदी सप्ताह मानते हैं। इस दौरान उनकी सक्रियता बढ़ जाती है।

गश्त पर निकले सैनिकों को संदेह हुआ और जांच में 10 किलो आईईडी बरामद की गई। जिसे निष्क्रिय कर दिया गया है।

'लाल आतंक' के नाम से कुख्यात नक्सली (Naxals) इस वक्त शहीदी सप्ताह मना रहे हैं। इस बीच ऐसी आशंका जताई जा रही है कि छत्तीसगढ़ के उन इलाकों जहां नक्सलियों (Naxalites) की पैठ खत्म हो चुकी है वहां ये नक्सली दोबारा पैठ बनाने की कोशिश कर सकते हैं।

छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में जवानों ने एक बार फिर नक्सलियों के स्मारक (Naxali Monument) को ध्वस्त किया है। जिले के किरन्दुल के गुमियापाल-रैयपारा जंगल में नक्सली कमांडर पोड़िया का स्मारक डीआरजी के जवानों ने ध्वस्त किया।

'नक्सलवाद' (Naxalism) सिर्फ देश की आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं है बल्कि राजनीतिक और आर्थिक समस्या के साथ-साथ एक विकट सामाजिक समस्या भी है।

घोर नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) जिले में नक्सलियों (Naxalites) की कमर टूट चुकी है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि पिछले कुछ सालों में आधा दर्जन से ज्यादा बड़े नक्सलियों (Naxals) की मौत हो चुकी है। बड़े नक्सलियों की मौत की वजह से संगठन पूरी तरह बिखर चुका है।

झारखंड (Jharkhand) में बड़े इनामी नक्सलियों (Naxals) पर जबरदस्त शिकंजा कसा गया है। राज्य सरकार (Jharkhand Government) द्वारा वांटेड नक्सलियों के खिलाफ यूएपीए (UAPA) के तहत मुकदमा चलाए जाने पर मुहर लग जाने के बाद अब उनका बच पाना मुश्किल है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सलियों (Naxalites) ने एक बार फिर अपनी मापाक हरकत को अंजाम दिया है। नक्सलियों (Naxals) ने यहां सुरक्षाबलों के कैंप पर गोलीबारी की है।

यह भी पढ़ें