शहीदी सप्ताह में नक्सली दे सकते हैं बड़ी वारदात को अंजाम, बस्तर आईजी ने खुद संभाली कमान, बाइक से निकले सर्चिंग पर

नक्सली (Naxalites) आज से अपना शहीदी सप्ताह मना रहे है। बता दें कि इस दौरान नक्सली, पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए अपने साथियों को याद करते हैं। साथ ही नक्सलियों का इस फिराक में रहते हैं कि इस दौरान वे किसी बड़ी घटना को अंजाम दें।

Naxalites

जवानों का मनोबल बढ़ा ने के लिए बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी खुद जवानों के साथ बाइक पर सवार हो सर्चिंग पर निकले।

नक्सली (Naxalites) आज से अपना शहीदी सप्ताह मना रहे हैं। इस दौरान नक्सली, पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए अपने साथियों को याद करते हैं। साथ ही नक्सली इस फिराक में रहते हैं कि वे किसी बड़ी घटना को अंजाम दें। नक्सलियों के शहीदी सप्ताह को देखते हुए छत्तीसगढ़ की बस्तर पुलिस ने अलर्ट घोषित किया है। नक्सली इस दौरान किसी निर्माण कार्य या सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए सुरक्षाबल पूरी तरह मुस्तैद हैं।

नक्सली किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम न दें पाएं, इसके लिए बस्तर आईजी ने खुद कमान संभाल रखी है। जवानों का मनोबल बढ़ा ने के लिए बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी खुद जवानों के साथ बाइक पर सवार हो सर्चिंग पर निकले। बस्तर आईजी सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित जंगलों में सर्चिंग पर निकले। आईजी ने सुकमा के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में जाकर निर्माण कार्यों का भी जायजा लिया। इस दौरान बस्तर आईजी के साथ सुकमा एसपी और कलेक्टर भी मौजूद रहे।

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आईजी ने सुकमा के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में जाकर निर्माण कार्यों का भी जायजा लिया।

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गौरतलब है कि नक्सली (Naxals) 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मना रहे हैं। वे जगह-जगह बैनर-पोस्टर लगा रहे हैं। शहीदी सप्ताह के दौरान वे अपने मारे गए साथियों को याद करते हैं। बता दें कि नक्सली (Naxalites) अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में पुलिस के साथ मुठभेड़ में अपने मारे गए अपने साथियों के नाम से नक्सली स्मारक (Naxali Monument) बनाते हैं और इन स्मारकों के आधार पर उनके प्रभाव क्षेत्र का सीमांकन होता है।

इसके साथ ही वे अलग-अलग मौकों पर शहीदी सप्ताह भी मनाते हैं, जिसमें वे मारे गए नक्सलियों को याद करते हैं। अपने प्रभाव वाले इलाकों में नक्सली (Naxals) ग्रामीणों को भी इस शहीदी सप्ताह में शामिल होने के लिए जबरदस्ती दबाव बनाते हैं। इस दौरान वे अपनी बातों को ग्रामीणों तक पहुंचाने और उनमें भय पैदा करने के लिए पोस्टर- बैनर का सहारा लेते हैं। इनमें लोकतंत्र विरोधी बातें लिखी होती हैं, साथ ही ग्रामीणों के लिए सीधी धमकी भी होती है।

नक्सलियों (Naxalites)  द्वारा शहीदी सप्ताह की घोषणा के साथ ही सुरक्षा बल भी पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं। अलर्ट जारी कर नक्सलियों की हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। जवान नक्सल प्रभावित अंदरूनी इलाकों तक गश्ती पर पहुंच रहे हैं। इससे गांव वालों की हिम्मत भी बढ़ी है। वे भी खुलकर नक्सलियों के सामने आ रहे और पुलिस का साथ दे रहे हैं।

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