मध्य प्रदेश: शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली कर सकते हैं हमला, बालाघाट पुलिस ने तेज किया सर्च अभियान

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट जिले में नक्सलियों (Naxals) के शहीदी सप्ताह को देखते हुए सभी नक्सल प्रभावित थानों और चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है। बता दें कि हर साल जुलाई के अंत में नक्सली शहीदी सप्ताह मानते हैं। इस दौरान उनकी सक्रियता बढ़ जाती है।

Naxals

सांकेतिक तस्वीर।

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट जिले में नक्सलियों (Naxals) के शहीदी सप्ताह को देखते हुए सभी नक्सल प्रभावित थानों और चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है। बता दें कि हर साल जुलाई के अंत में नक्सली शहीदी सप्ताह मानते हैं। इस दौरान उनकी सक्रियता बढ़ जाती है। वे अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए पुलिस (Police) पर हमले करते हैं। ऐसी घटनाएं ना हो इसके लिए पुलिस पहले ही सतर्क हो गई है।

बालाघाट के पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने जिले के सभी नक्सल प्रभावित थानों और चौकियों को अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है। पुलिस का मानना है कि नक्सली (Naxalites)  शहीदी सप्ताह के दौरान किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं। इस दौरान पुलिस पर पहले भी हमले हो चुके हैं। पुलिस इस बार नक्सलियों की तैयारियों को ध्यान में रख कर विशेष सतर्कता बरत रही है।

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कुछ दिन पहले ही नक्सलियों (Naxals) ने शहीदी सप्ताह मनाने से संबंधित पर्चे बांटे थे। पुलिस अधीक्षक से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र से सटे इलाकों में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। सुरक्षाबलों की कई टीमें नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की जांच कर रही हैं।

बता दें कि नक्सली (Naxals) 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मना रहे हैं। वे जगह-जगह बैनर-पोस्टर लगा रहे हैं। शहीदी सप्ताह के दौरान वे अपने मारे गए साथियों को याद करते हैं। बता दें कि नक्सली (Naxalites) अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में पुलिस के साथ मुठभेड़ में अपने मारे गए अपने साथियों के नाम से नक्सली स्मारक (Naxali Monument) बनाते हैं और इन स्मारकों के आधार पर उनके प्रभाव क्षेत्र का सीमांकन होता है।

इसके साथ ही वे अलग-अलग मौकों पर शहीदी सप्ताह भी मनाते हैं, जिसमें वे मारे गए नक्सलियों को याद करते हैं। अपने प्रभाव वाले इलाकों में नक्सली (Naxals) ग्रामीणों को भी इस शहीदी सप्ताह में शामिल होने के लिए जबरदस्ती दबाव बनाते हैं। इस दौरान वे अपनी बातों को ग्रामीणों तक पहुंचाने और उनमें भय पैदा करने के लिए पोस्टर- बैनर का सहारा लेते हैं।

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