Naxal Area

वन क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियों (Naxal Activities) पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए 1 फरवरी को चंदौली जिले के नौगढ़ थाने में जिले के अलावा बिहार राज्य के कैमूर, मिर्जापुर और सोनभद्र पुलिस व पीएसी के अधिकारियों ने बैठक कर चर्चा की।

मेडिकल इमर्जेंसी की स्थिति में सुरक्षाबलों को तत्काल मदद पहुंचाने के लिए CRPF, DRDO और INMAS ने मिलकर एक खास बाइक एंबुलेंस (Bike Ambulance) तैयार किया है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) 9 जनवरी से राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों (Naxal Area) का दौरा शुरू कर रहे हैं। वे इन क्षेत्रों में नक्सलियों (Naxals) के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों का जायजा लेंगे।

सिलाजु, दोलंगी और उचरवा में नक्सलियों (Naxalites) का जमावड़ा रहा करता था। लोग यहां दहशत में थे। लेकिन सरकार और प्रशासन के प्रयासों की वजह से इस नक्सली इलाके (Naxal Area)  की फिजां अब बदल रही है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक की कमान आरपी साय (RP Sai) ने संभाल ली है। पदभार ग्रहण करने के साथ ही उन्होंने बलरामपुर जिले के नक्सल प्रभावित सबाग व बंदरचुआ कैंप का जायजा लिया।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा जिले का धुर नक्सल ग्रस्त जगरगुंडा गांव तीन जिलों का जंक्शन है। यह इलाका नक्सलियों का गढ़ रहा है। 17 सालों से लोग लाल आतंक के साए में जी रहे हैं। कई सालों से ये पूरा इलाका अलग-थलग रहा है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभवित इलाकों (Naxal Area) में सुरक्षाबलों की तैनाती से धीरे-धीरे विकास की बयार भी बहने लगी है। कोयलीबेड़ा विकासखंड के महला गांव की गिनती पंखाजूर जिले के धुर नक्सल प्रभावित गांवों में होती थी।

झारखंड (Jharkhand) के गिरिडीह जिले का पीरटाड़ इलाका हमेशा ही नक्सली घटनाओं के लिए कुख्यात रहा है। लेकिन नक्सली खौफ के बीच इस इलाके में जागरूकता की बयार बह रही है।

पंखाजुर के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र (Naxal Area) कटगांव और कामतेड़ा में जिला पुलिस बल और सीमा सुरक्षा बल ने कैंप (Police Camp) खोल कर नक्सलियों को सीधी चुनौती दी है।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के नक्सल ग्रस्त इलाकों (Naxal Area) से लाल आतंक (Naxalism) के खात्मे के लिए सरकार और पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।

झारखंड (Jharkhand) के नक्सल प्रभावित इलाके (Naxal Area) के युवा अब सफलता की इबारत लिखने लगे हैं। नक्सलवाद (Naxalism) इनके राह का रोड़ा तो है ही, लेकिन मुश्किल परिस्थितियों से लड़कर ये लगातार आगे बढ़ रहे हैं और अन्य युवाओं के लिए मिसाल कायम कर रहे हैं।

जिस इलाके में विकास पहुंचाना हो वहां तक पहले सड़कें पहुंचनी जरूरी होती हैं। छत्तीसगढ़ के कई धुर नक्सल प्रभावित इलाके (Naxal Area) हैं जहां विकास की बयार बहने लगी है। इसमें सड़कों का बड़ा योगदान है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से नक्सवाद (Naxalism) को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी पूरी तरह कमर कस चुकी है। इसी को लेकर वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार (K Vijay Kumar) 9 दिसंबर को धुर नक्सल प्रभावित राजनांदगांव पहुंचे।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल इलाकों (Naxal Area) की बेहतरी के लिए प्रशासन लगातार कोशिश कर रहा है। सुदूर इलाकों में भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने की राज्य शासन की कोशिशें अब रंग ला रही हैं।

छत्तीसगढ़ के सुदूर नक्सल प्रभावित अंचलों में बच्चों को शिक्षा के बेहतर अवसर मुहैया कराए जा रहे हैं। इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए 'प्रयास आवासीय विद्यालय' (Prayas Residential School) शुरू किए गए हैं।

कभी लाल आतंक (Naxalism) से ग्रस्त रहे उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के नौगढ़ इलाके में अब विकास की बयार बह रही है। इस नक्सल प्रभावित इलाके (Naxal Area) में अब आयुर्वेदिक दवा बनाने के लिए कारखाना लगेगा।

केंद्रीय सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार (K Vijay Kumar) ने कहा है कि नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के साथ वहां का विकास भी किया जाएगा।

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