Naxal Area

दक्षिण बस्तर के जंगलों में करीब एक दर्जन ऐसे जलप्रपात हैं जो पर्यटकों की नजरों से दूर हैं। फूलपाड़ के अलावा दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला के पहाड़ पर झारालावा जलप्रपात भी लोगों की पहुंच में आने जा रहा है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाके (Naxal Area) में जल्द ही सड़क का निर्माण शुरू हो जाएगा। जिले के पालनांर से बड़ेबेडमा तक सात किलोमीटर सड़क बनाने की मंजूरी मिल गई है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) का नक्सल प्रभावित सुकमा (Sukma) जिला कोरोना टीकाकरण के मामले में राज्य में सबसे आगे और देश के टॉप टेन में है। यह जानकारी यूनिसेफ (UNICEF) की ओर से दी गई है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में अब नक्सली हमलों (Naxal Attack) में घायल जवानों के इलाज में देरी नहीं होगी।

झारखंड (Jharkhad) के नक्सल प्रभावित (Naxal Area) खूंटी जिले के बिरबांकी प्रखंड में विकास धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है। इस इलाके के विकास के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है।

कई क्षेत्र नक्सल (Naxalites) प्रभावित हैं। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि जंगलों में रहने वाले इन नक्सलियों का बरसात के मौसम में कैसे गुजारा होता है?

झारखंड (Jharkhand) में सारंडा के नक्सल प्रभावित सुदूरवर्ती गांवों के शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार देने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए समय-समय पर इन्हें प्रशिक्षण दिए जाने की व्यवस्था की जाएगी।

देश की आंतरिक के लिए दिन-रात काम करने वाले CRPF जवान कोरोना (Coronavirus) महामारी के बीच अपना दोहरी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। वे सुरक्षा व्यवस्था संभालने के साथ-साथ लोगों की हर संभव मदद कर रहे हैं।

बिहार (Bihar) के कैमूर जिले में पुलिस ने भारी मात्रा में हथियारों (Weapons) के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जिले के चांद थाना क्षेत्र के शिवरामपुर से 6 जून को तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) में विकास के लिए सरकार और प्रशासन लगातार प्रयास कर रही है। विकास आने से ही इन इलाकों को नक्सलवाद से मुक्ति मिल सकेगी और यहां के लोग सुकून का जीवन जी सकेंगे।

नक्सलियों (Naxalites) का गढ़ कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के अबूझमाड़ के कोहकामेटा में पक्की सड़क एक सपने की तरह था। लेकिन नरायणपुर जिले के इस धुर नक्सल प्रभावित इलाके (Naxal Area) की तस्वीर पिछले 3 सालों में बदल गई है।

लाल आतंक (Red Terror) का गढ़ कहे जाने वाले बस्तर (Bastar) के नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) में एक ऐसा दौर था जब यहां तक पहुंच पाना ही मुश्किल था। न सड़कें थीं, न कोई वाहन और ऊपर से नक्सलियों (Naxalites) का खौफ।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर (Bijapur) जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) में नक्सली दहशत से विकास नहीं हो पा रहा था, बेरोजगारी और अशिक्षा थी। बच्चों की शिक्षा के लिए सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी।

झारखंड (Jharkhand) के नक्सल प्रभावित सिमडेगा जिले के सुदूर सीमावर्ती इलाकों के गांव में अब विकास (Development) पहुंचेगा।

झारखंड (Jharkhand) के नक्सल प्रभावित जिले पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड में विकास के कार्य पर जोर दिया जा रहा है। प्रखंड में आजादी के बाद पहली बार 13 जाहिरा चारदीवारी के निर्माण कार्य की स्वीकृति मिल गई है।

सरकार, प्रशासन और सुरक्षाबलों की कोशिश का नतीजा है कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में लाल आतंक (Red Terror) का गढ़ कहे जाने वाले बस्तर (Bastar) का बड़ा हिस्सा नक्सलियों (Naxalites) के आतंक से मुक्त हो गया है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धुर नक्सल प्रभावित बस्तर (Bastar) संभाग में सरकार की योजनाओं के तहत लगातार विकास का काम हो रहा है। बस्तर जैसे नक्सल ग्रस्त इलाके (Naxal Area) में विकास के लिए पहली जरूरत सड़कों की है।

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