फाइल फोटो।
इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए ‘प्रयास आवासीय विद्यालय’ (Prayas Residential School) शुरू किए गए हैं।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुदूर नक्सल प्रभावित अंचलों में बच्चों को शिक्षा के बेहतर अवसर मुहैया कराए जा रहे हैं। इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए ‘प्रयास आवासीय विद्यालय’ (Prayas Residential School) शुरू किए गए हैं, जो बच्चों को शुरुआत से ही मेडिकल और इंजीनियरिंग के प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं। इससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों (Naxal Areas) के विद्यार्थियों के सपनों को नया आसमान मिला है।
राज्य सरकार द्वारा इन विद्यालयों में विज्ञान विषय की पढ़ाई करने वाले बच्चों को स्तरीय शिक्षा देने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। यहां प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा की भी तैयारी कराई जाती है।
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बता दें कि प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से भविष्य निर्माण के लिए ‘प्रयास आवासीय विद्यालयों’ (Prayas Residential School) की स्थापना की गई है। वर्तमान में राज्य में 9 ‘प्रयास आवासीय विद्यालय’ हैं, जिनमें कक्षा 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई होती है।
यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी अपने सपनों को साकार करने कठिन प्रवेश परीक्षाओं के लिए तैयारी में जुटे हुए हैं। प्रयास विद्यालयों में प्रवेश लेने वाले प्रतिभावान छात्रों को पढ़ाई के लिए हर तरीके की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित इन विद्यालयों में बच्चों को अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए विशेष कोचिंग दी जाती है।
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कक्षा की पढ़ाई के साथ-साथ नियमित रूप से टेस्ट लिया जाता है। इसके अलावा उन्हें निःशुल्क पुस्तकें, पुस्तकालय और रहने-खाने आदि की सुविधा दी जाती है। हर साल ‘प्रयास विद्यालय’ (Prayas Residential School) के विद्यार्थियों ने बोर्ड परीक्षाओं में भी झंडे गाड़े हैं। साल 2020 में इन विद्यालयों की कक्षा 10वीं का परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत रहा।
कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में प्रयास आवासीय विद्यालय रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा, बस्तर, कांकेर, कोरबा और जशपुर से 1011 विद्यार्थी शामिल हुए थे, जिसमें से 997 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। प्रथम श्रेणियों में उत्तीर्ण विद्यार्थियों का प्रतिशत 98.6 प्रतिशत रहा। इस साल ‘प्रयास विद्यालयों’ का अब तक का सबसे बेहतर परीक्षा परिणाम आया है।
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इस साल 254 विद्यार्थी 90 प्रतिशत से अधिक अंकों से उत्तीर्ण हुए हैं। 2020 की कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा में प्रयास आवासीय विद्यालय रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा, बस्तर और कांकेर से 792 विद्यार्थी शामिल हुए। इनमें से 710 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए, अर्थात 90 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। साथ ही 20 विद्यार्थियों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए।
राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में भी ये विद्यार्थी सफलता की इबारत लिख रहे हैं। अब प्रयास विद्यालय के छात्र न केवल आईआईटी, एनआईटी में प्रवेश ले रहे हैं, बल्कि कृषि, कंपनी सेकेटरी, एनडीए जैसी अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाओं में भी सफल हो रहे हैं।
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साल 2020 की आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में 18 बच्चे, एनआईटी में 41, ट्रिपल आईटी में 10, शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में 75, एमबीबीएस में 3, बीडीएस में 1, बीटेक (एग्रीकल्चर) में 1, बीएससी (कृषि) में 11 सफल हुए हैं। इसके अलावा, साल 2020 में पहली बार एमबीए की लिखित परीक्षा में 7 विद्यार्थी क्वालिफाई हुए हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार का प्रयास है कि आने वाले समय में और भी छात्र विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं तथा बोर्ड की परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करते हुए विद्यालय और अपना नाम रोशन करें।
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साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से प्रयास विद्यालयों की नियमावली में संशोधन कर अब नक्सल प्रभावित जिलों के साथ-साथ राज्य के समस्त अनुसूचित क्षेत्र के विद्यार्थियों को भी इस योजना का लाभ दिलाने के लिए कार्रवाई की जा रही है। इससे प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों के प्रतिभावान विद्यार्थियों को भी इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
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