मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aditya Nath) आठ महीने पहले एक दिवसीय दौरे पर नक्सल ग्रस्त (Naxal Area) नौगढ़ आए थे। उन्होंने यहां अमदहां गांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जन आरोग्य मेला की लांचिग की थी।
कभी लाल आतंक (Naxalism) से ग्रस्त रहे उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के नौगढ़ इलाके में अब विकास की बयार बह रही है। इस नक्सल प्रभावित इलाके (Naxal Area) में अब आयुर्वेदिक दवा बनाने के लिए कारखाना लगेगा। सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aditya Nath) की ओर से इस अतिपिछड़े इलाके को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने की पहल की गई है।
अधिकारी और उद्यमी जल्द ही इलाके का जायजा लेंगे। वे इस दौरान उद्योग की संभावनाएं परखेंगे। साथ ही स्थानीय लोगों को औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रेरित भी करेंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री आठ महीने पहले एक दिवसीय दौरे पर नक्सल ग्रस्त (Naxal Area) नौगढ़ आए थे। उन्होंने यहां अमदहां गांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जन आरोग्य मेला की लांचिग की थी। इसके बाद इस अतिपिछड़े इलाके का भी दौरा किया था।
यहां सीएम ने कृषि व उद्योग की संभावनाएं देखीं, तो गरीबी और स्थानीय लोगों की दुश्वारियों से भी रूबरू हुए। अपने इस दौरे के दौरान उन्होंने इलाके के विकास का वादा किया था। अब उस पर अमल शुरू हो गया है। पर्यटन, प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर तहसील क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने यहां 20 हेक्टेयर क्षेत्रफल में औद्योगिक हब बनाने की योजना तैयार की है।
फिलहाल आयुर्वेदिक दवा बनाने वाले कारखाना की नींव रखी जाएगी। यहां आयुर्वेदिक दवाइयों को तैयार करने में कच्चा माल का उत्पादन भी स्थानीय स्तर पर ही किया जाएगा। वनवासियों को सतावर, मूसली, तुलसी, एलोवेरा, सहजन समेत अन्य औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा।
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उद्यान विभाग की ओर से औषधीय पौधों की खेती पर अच्छा-खासा अनुदान दिया जाता है। काश्तकारों के लिए 40 से 80 फीसद तक अनुदान की व्यवस्था है। कारखाना में तैयार माल की खपत के लिए जिला प्रशासन ने आयुर्वेदिक दवा बेचने वाली कंपनियों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। इसके लिए जल्द ही बाजार भी तलाश लिया जाएगा।
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उद्योग उपायुक्त गौरव मिश्रा के अनुसार, “नौगढ़ इलाके में आयुर्वेदिक दवा कारखाना लगाने की योजना बनाई गई है। इलाके का भ्रमण किया जाएगा। स्थानीय लोगों को औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा। स्थानीय स्तर पर कच्चा माल उपलब्ध होने से सहूलियत होगी।”
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