Chhattisgarh: सालों लाल आतंक के साए में रहा यह गांव, सुरक्षाबलों के पहुंचने से शुरू हुआ सड़क निर्माण

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा जिले का धुर नक्सल ग्रस्त जगरगुंडा गांव तीन जिलों का जंक्शन है। यह इलाका नक्सलियों का गढ़ रहा है। 17 सालों से लोग लाल आतंक के साए में जी रहे हैं। कई सालों से ये पूरा इलाका अलग-थलग रहा है।

IED Bomb

फाइल फोटो।

यह इलाका नक्सलियों (Naxals) की गिरफ्त में इस कदर रहा है कि सुरक्षाबल के जवानों ने सबसे ज्यादा 450 से ज्यादा आईईडी बम (IED Bomb) अब तक यहां से बरामद किए हैं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा जिले का धुर नक्सल ग्रस्त जगरगुंडा गांव तीन जिलों का जंक्शन है। यह इलाका नक्सलियों का गढ़ रहा है। 17 सालों से लोग लाल आतंक के साए में जी रहे हैं। कई सालों से ये पूरा इलाका अलग-थलग रहा है। नक्सलियों (Naxals) ने इस इलाके का विकास नहीं होने दिया। हर विकास कार्य को बाधित किया, जिससे यहां के लोग मुश्किलों में जीते रहे।

लेकिन सरकार और प्रशासन की कोशिशों से इस गांव तक पहुंचने के लिए तीन जिलों सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा से 3 अलग-अलग सड़कें बन रही हैं। ये तीनों सड़कें जगरगुंडा के अलावा इन जिलों के करीब 100 गांवों के लिए उम्मीद की किरण लेकर आई हैं। सड़क निर्माण का काम साल 2021 में पूरा होना है।

यूपी: सुर्खियों में रहने वाले IPS अधिकारी नवनीत सिकेरा बनाए गए ADG, मां ने सैल्यूट करके कही ये बात

बता दें कि हाल ही में सीआरपीएफ (CRPF) 231 बटालियन का कैम्प कमारगुड़ा में खुला है। आईजी, दो जिलों के कलेक्टर, एसपी पहली बार इस गांव में पहुंचे और लोगों से विकास का वादा किया।

यह इलाका नक्सलियों (Naxals) की गिरफ्त में इस कदर रहा है कि सुरक्षाबल के जवानों ने सबसे ज्यादा 450 से ज्यादा आईईडी बम (IED Bomb) अब तक यहां से बरामद किए हैं। जबकि 500 से ज्यादा स्पाइक्स भी मिले हैं। अब भी आए दिन आईईडी बम मिलता है। जवान जान हथेली पर लेकर सिर्फ इसलिए निकलते हैं कि यहां सड़क बन जाए और इलाका नक्सलमुक्त हो जाए। इन सड़कों के निर्माण में सुरक्षा देते 55 जवान शहीद भी हो चुके हैं।

छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जांजगीर-चाम्पा जिले को दी 1083 करोड़ रुपये के 1255 विकास कार्यों की सौगात

सीआरपीएफ डीआईजी विनय कुमार सिंह के अनुसार, हमारे जवान सुरक्षा में लगे हैं। सड़क सुरक्षा के साथ सिविक एक्शन कार्यक्रमों के जरिए भी ग्रामीणों को लाभ दिया जा रहा है। वहीं, दंतेवाड़ा एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के मुताबिक, तीनों जिलों से जगरगुंडा को जोड़ने वाली सड़कें जहां से गुजर रही हैं, देश का पहला इलाका है जहां सबसे ज्यादा आईईडी, स्पाइक्स मिले हैं।

पहली सड़क अरनपुर-जगरगुंडा के बीच बन रही है। इसकी कुल लंबाई 18 किमी है। इस सड़क निर्माण की सुरक्षा में 631 जवान तैनात हैं। इस सड़क पर जवानों ने अब तक 150 आईईडी (IED Bomb) बरामद किए हैं।

यूपी: बदायूं में दिल्ली के निर्भया केस की तरह बर्बरता, 50 साल की महिला के साथ गैंगरेप के बाद हत्या, प्राइवेट पार्ट में मिली चोटें

दूसरी सड़क बासागुड़ा-जगरगुंडा के बीच बनाई जा रही है। इसकी कुल लंबाई 31 किमी है। इस सड़क की सुरक्षा में सीआरपीएफ और डीआरजी के जवान तैनात हैं। यहां जवानों अब तक 220 आईईडी बरामद किए हैं।

ये भी देखें-

वहीं, तीसरी सड़क दोरनापाल-जगरगुंडा के बीच बन रही है। इसकी कुल लंबाई 58 किमी है। इसकी सुरक्षा में भी सीआरपीएफ और डीआरजी के जवान तैनात हैं। इस सड़क से सुरक्षाबलों ने अब तक 60 आईईडी (IED Bomb) बरामद किया है।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें