सच के सिपाही

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया था। पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया गया था जिसे वो आज तक याद रखता है।

कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा इंडियन आर्मी (Indian Army) के पहले भारतीय अध्यक्ष  थे। वे केएम करिअप्पा (K M Cariappa) के नाम से विख्यात थे। आजादी के बाद भारतीय सेना का भारतीयकरण करने का श्रेय करिअप्पा को ही दिया जाता है।

इस युद्ध (War of 1971) में यूं तो सभी जवानों का योगदान अहम था लेकिन एक जवान ऐसे भी थे जिन्होंने जख्मी होने पर अपना पैर खुद काट लिया था। इस जवान का नाम कार्डोजो है और वह गोरखा रेजीमेंट के मेजर पद पर थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के दौरान लांस नायक मंगल सिंह (Lance Naik Mangal Singh) लापता हो गए थे। परिवार 49 साल से उनकी राह देख रहा है। इस दौरान उनका कुछ अता-पता नहीं था।

वीर शहीद बुधु भगत (Budhu Bhagat) छोटानागपुर के उस जन आन्दोलन के नायक थे, जिसे अंग्रेजों ने 'कोल विद्रोह' का नाम दिया, जैसे 1857 के पहले स्वतंत्रता आन्दोलन को सिपाही विद्रोह का नाम दिया गया है।

भारत ने सीमित संसाधनों के बावजूद स्ट्रेटजी बनाकर लाहौर से कुछ मील पहले डोगराई शहर पर कब्जा कर लिया था। इस युद्ध में 3 बटालियन जाट रेजीमेंट का बड़ा योगदान था।

Kargil War 1999: लद्दाख के लोअर लेह गांव के मोहम्मद अख्तर ने 1999 में भारतीय सेना के लिए स्वेच्छा से कई हफ्तों तक युद्ध के मैदान में मदद की थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) की जीत हुई थी। युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने ऐसा पराक्रम दिखाया था, जिसे यादकर दुश्मन देश के जवान आज भी कांप उठता होगा।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) के वीर सपूतों ने दुश्मनों को बुरी तरह से परास्त किया था। पाकिस्तानी सैनिकों पर हमारा एक-एक जवान कहर बनकर टूटा था।

भारत और चीन के बीच 1962 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में चीन ने भारत को हराया था। चीन हमेशा से विस्तारवाद की नीति पर चलता आया है और अबतक ऐसा ही कर रहा है।

Indo-Tibetan Border Police यानी (ITBP), भारत-तिब्बत सीमा की रखवाली करने वाले ये बहादुर जवान जब हिमालय की चोटियों पर तिरंगा फहराते हैं तो सारा आकाश इन्हें गर्व से निहारता है।

कॉन्स्टेबल अभिषेक पटेल (Head Constable Abhishek Patel) ने फर्ज के आगे अपनी जिंदगी को दांव पर लगा दिया। परिसर में मौजूद लगभग 400 लोगों की जान बचाने के लिए इस हीरो ने अपनी जान  जोखिम में डालने का फैसला किया।

पूर्व सैनिक, जो पिछले युद्धों में पाकिस्तान में युद्ध बंदी के रह चुके हैं। एयर कमोडोर जे एल भार्गव भी उन्हीं सैनिकों में एक हैं जो प्रिजनर ऑफ वॉर रह चुके हैं। वे 1971 के युद्ध में 1 साल तक पाकिस्तान में बंदी रहे थे।

मीरा ने नौकरी के शुरूआती दौर में ही अपने तेवर से साफ कर दिया था कि वह हर हाल में गुंडाराज का सफाया करके रहेंगी। मीरा मोस्ट वांटेड अंडरवर्ल्ड डॉन और डी कंपनी के सरगना दाऊद इब्राहिम से लेकर छोटा राजन गैंग के कई सदस्यों को सलाखों के पीछे भेज चुकी हैं

इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) एक ऐसा अर्धसैनिक बल था जहां पर असिस्टेंट कमांडेंट लेवल पर महिलाओं को नहीं लिया जाता था। लेकिन वहां भी महिलाओं के लिए प्रवेश के द्वार खोल दिए गए।

साल 2017 में भी आरिफ एच शेख (IPS Arif H Sheikh) को पेंसिल्वेनिया में उनके अभियान आमचो बस्तर, आमचो पुलिस” के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया। आईएसीपी द्वारा दिए जाने वाले इस अवार्ड पर लगातार दो सालों से छत्तीसगढ़ पुलिस का कब्जा रहा।

करप्शन भरे माहौल में काम करना बहुत बड़ा चैलेंज है। भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कोई बड़ा कदम उठाना बहुत ही मुश्किल है। इन मुश्किल हालातों के बीच काम करना टेढ़ी खीर है।

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