सच के सिपाही

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सैनिकों को हमारे जवानों ने भगा-भगाकर मारा था। कश्मीर हड़पने की पाकिस्तान की चाह को हमारे वीर सपूतों ने नेस्तनाबूद कर दिया था।

मंजिल सैनी खासकर उन महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत है जो यह सोचती हैं कि शादी के बाद किसी महिला की जिंदगी उसके हिसाब से नहीं चलती। मंजिल सैनी शादी के बाद ही आईपीएस बनीं।

Ajit Ogre: जिंदगी में कई बार हमारा सामना कुछ ऐसे लोगों से हो जाता है, जिनकी कहानी सुनकर लगता है कि जरूर ये कोई चमत्कारी इंसान है।

किसी मुख्यमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा उठाना आसान नहीं है, वह भी असम जैसे संवेदनशील राज्य में, जो लॉ एंड ऑर्डर, मिलिटेंट्स, सांप्रदायिक तनाव, स्मगलिंग, जानवरों का अवैध शिकार और ड्रग्स जैसी समस्याओं से जूझ रहा हो।

War of 1962: जब दो देशों के सेनाएं एक दूसरे से भिड़ती हैं तो नुकसान दोनों तरफ होता है। किसी को कम नुकसान होता है तो किसी को ज्यादा।

भारतीय सेना के जवान देश की रक्षा के लिए किसी भी हद तक गुजरने के लिए तैयार रहते हैं। सेना में महिलाएं हों या फिर पुरुष, दोनों ने अपनी-अपनी योग्यता को साबित किया है। सेना में महिलाओं के जज्बे और पराक्रम का लोहा माना जाता रहा है।

महिला जवान का नाम हैं गुंजन सक्सेना 1999 में गुंजन की पोस्टिंग 132 फॉरवर्ड एरिया कंट्रोल में की गई थी। उनकी उम्र तब मात्र 25 वर्ष थी।

सेना (Indian Army) के वीर सपूत देश की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। हमारे जवान दिन हो या रात सीमा पर तैनात रहते हैं। सरहद पर किसी भी वक्त दुश्मन हमला कर सकते हैं।

सैनिकों को हेलमेट पहनना होता है जो कि बेहद अहम होता है। सीमा पर तैनाती के दौरान सिर पर किसी तरह की चोट न लगे सके और दुश्मन की गोलियों से बचा जा सके।

ग्वालियर में वायुसेना (Indian Air Force) के जहाज मिग-21 (MiG 21) के हादसे में जालौन का लाल कैप्टन आशीष गुप्ता (Captain Ashish Gupta) शहीद हो गया।

भारतीय सेना के जवान हर मुश्किल को सामना कर भारत मां की रक्षा करते हैं। सेना के जवान अपनी जिंदगी दांव पर लगातार सीमा पर तैनात रहते हैं। यह तैनाती अगर सियाचिन (Siachen) की हो तो चुनौती और ज्यादा बड़ी हो जाती है।

भारतीय सेना (Indian Army) दुनिया की सबसे खतरनाक फोर्स में से एक है। भारतीय वीर सपूत भारत मां की रक्षा के लिए किसी भी हद तक गुजरने के लिए तैयार रहते हैं।

भारतीय सेना (Indian Army) अपने बलिदान और शौर्य के लिए विख्यात है। सेना के जवान जब जंग के मैदान में होते हैं तो दुश्मनों को भगा-भगाकर मारते हैं। आजादी के बाद अबतक लड़े गए लगभग हर युद्ध में सेना ने अपना पराक्रम दिखाया है।

भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1971 में युद्ध हुआ, जिसके बाद दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश सामने आया। 1971 में 16 दिसंबर का दिन भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।

साल 1971 के दौरान पाकिस्तान की गलतियों के चलते वह अपना एक प्रांत गंवा बैठा था। भारतीय सेना (Indian Army) से सीधी टक्कर लेना उसे और ज्यादा भारी पड़ा। प्रांत तो गया ही, साथ में कई जवान मारे गए।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में युद्ध (War of 1971) लड़ा गया था। पाकिस्तान आजादी के बाद से अबतक भारत के साथ विश्वासघात करता आया है। लेकिन हर बार नुकसान झेलकर वापस लौटा है।

पूरा देश और भारतीय सेना (Indian Army) इस साल 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर जीत की 50वीं वर्षगांठ मना रही है। 1971 युद्ध में देश के सबसे बड़ी जीत मिली थी। एक नया देश बांग्लादेश बना।

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