War of 1971: पाक सेना का अत्याचार का भारतीय सेना ने ऐसे दिया था जवाब, जानें बहादुरी का वो किस्सा
भारतीय सेना (Indian Army) जब-जब जंग के मैदान में उतरती है, दुश्मन घुटने टेकने पर मजबूर हो जाता है। ऐसा कई बार देखा जा चुका है। आजादी के बाद भारत ने अपने ज्यादातर युद्ध पाकिस्तान के खिलाफ ही लड़े हैं।
धन सिंह थापा ने 15 चीनी जवानों को बिना हथियार ही उतार दिया था मौत के घाट, पढ़ें इनकी वीरता की कहानी
13 अक्टूबर, 1962 के दिन चीनी सेना पैंगोंग झील के पास स्थित शिरजाप और यूला पर कब्जा करने की फिराक में थी। भारत ने भी इस पैंगोंग झील के पश्चिम में अपनी पोस्ट पहले से बनाई हुई थी। इसमें फर्स्ट बटालियन और 8 गोरखा रायफल को कमान सौंपी गई थी।
सियाचिन-कारगिल जैसे बेहद ऊंचाई वाले इलाकों में Army के जवान करते हैं कई मुश्किलों का सामना, सबसे बड़ी चुनौती है तापमान
भारतीय सेना (Indian Army) के जवान सरहद पर तैनात रहकर देश की रक्षा करते हैं। हमारे वीर सपूत किसी भी सूरत में सीमा की रक्षा करते हैं। विपरीत परिस्थितियों में दुश्मनों को माकूल जवाब भी देते हैं।
जानें क्या होता है क्लस्टर बम? इसके नाम से ही दहशत में आ जाते हैं दुश्मन
पाकिस्तान तो बीते कुछ समय में भारतीय सेना पर आरोप लगा चुका है कि उन्होंने इसका इस्तेमाल भी किया है। आखिर ये क्लस्टर बम क्या होता है और कितना घातक होता है?
जान की परवाह किए बिना अकेले ही 256 बम किए डिफ्यूज, बम निरोधक दस्ते के इस जवान ने पेश की बहादुरी की मिसाल
नरेंद्र चौधरी भारतीय सेना के बम निरोधक दस्ते (Bomb disposal squad) का हिस्सा रह चुके हैं। छत्तीसगढ़ व अन्य नक्सल-प्रभावित इलाकों में कार्यरत रहे चौधरी ने बेखौफ ही इस काम को अंजाम दिया।
Kargil War: … युद्ध के जांबाज सिपाही रज्जन सिंह का ऐसा था अनुभव
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) के वीर सपूतों ने दुश्मनों को दिखाया था कि भारत मां की तरफ आंख उठाने वालों का क्या हाल किया जा सकता है।
टीम की सुरक्षा के लिए अकेले ही दुश्मनों से भिड़ गए थे अल्बर्ट एक्का
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान को हराकर हमारे वीर सपूतों ने पूरी दुनिया को संदेश दिया था कि भारत से उलझना आसान नहीं।
सेना के जवानों को मिलता है वॉकी-टॉकी, सुरक्षा में इसकी है अहम भूमिका
भारतीय सेना (Indian Army) के जवान दुश्मनों के नेस्तनाबूद करने के लिए किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार रहते हैं। सरहद पर दुश्मनों पर पैनी नजर रखी जाती है। किसी भी तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए मुस्तैदी से नजर रखना महत्वपूर्ण होता है।
जवानों को मिलता है पिट्ठू बैग, डिफेंस फैब्रिक से बना होता है ये
भारतीय सेना (Indian Army) के जवान दुश्मनों को छलनी करने के लिए किसी भी हद तक गुजरने के लिए तत्पर रहते हैं। किसी भी देश की सेना तभी मजबूत मानी जाती है जब उसे सारी सहुलियतें दी जाएं। सेना के जवान दिन रात कड़ी मेहनत कर सरहद की रक्षा करते हैं।
उत्तराखंड का मेजर सोमनाथ आर्मी ग्राउंड, जानें इसकी खासियत
सोमनाथ आर्मी ग्राउंड (Somnath Army Ground) उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में स्थित कुमाऊं रेजिमेंट का मुख्य परेड मैदान है। देश का पहला और सबसे बड़ा सैन्य सम्मान यानी 'परमवीर चक्र' पाने वाले मेजर सोमनाथ शर्मा का वॉर मेमोरियल है।
भारतीय सेना का मीडियम बुलेट प्रूफ व्हीकल, जानें इसकी खासियत
भारतीय सेना (Indian Army) का पूरी दुनिया में डंका बजता है। भारतीय वीर सपूतों के बलिदान और शौर्य की गथाएं हर जगह मशहूर हैं। हमारे दुश्मन, सेना का नाम सुनते ही कांप उठते हैं।
मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है ‘Agni-I’, जानें क्या है इसकी खासियत
भारतीय सेना (Indian Army) के खिलाफ अगर कोई भी आंख उठाकर देखता है तो उसे नेस्तनाबूद कर दिया जाता है। भारतीय सेना के जवान अपनी शौर्य और बलिदान के लिए विख्यात हैं।
महज 24 साल की उम्र में सीमा पर शहीद हो गए त्रिवेश प्रकाश तिवारी, घर में चल रही थी शादी की बात
आतंकियों (Terrorists) के खिलाफ कार्रवाई के दौरान गोली लगने से सेना (Indian Army) के जवान त्रिवेश प्रकाश तिवारी शहीद हो गए। शहीद त्रिवेश प्रकाश तिवारी (Martyr Trivesh Prakash Tiwari) महज 24 साल के थे।
‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारत ने बना डाले बेहद ही खतरनाक हथियार, डिफेंस सेक्टर में जल्द हमारा भी होगा दबदबा
हथियारों के लिए सेनाओं की निर्भरता दूसरे देशों पर कम से कम हो इसके लिए 'मेक इन इंडिया' के तहत मिसाइलों, बंदूकों और अन्य जरूरी उपकरणों का निर्माण हो रहा है।
किसी भी बाहरी खतरे को भांप लेता है खुफिया तंत्र, बेहद ही गुपचुप तरीके से होता है काम
ऐसे कई मौके आए हैं जब खुफिया विभाग द्वारा सेना को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया हो। जैसे ही सेना अलर्ट हो जाती है दुश्मनों की प्लानिंग भी फेल हो जाती है।
बराक-8 मिसाइल में हैं ये खास बातें, दुश्मनों पर काल बनकर टूटती है
मिसाइल के जरिए हवा के रास्त के किए जाने वाले हमलों को भी रोका जा सकेगा। यह मिसाइल हवा में ही लड़ाकू हवाई हथियारों और उपकरणों को नष्ट करे में सक्षम है।
डिफेंस कॉरिडोर क्या होता है? इसके बारे में यहां जानें विस्तार से
डिफेंस कॉरिडर के जरिए सेना से जुड़े सामान का निर्माण किया जाता है। दरअसल डिफेंस कॉरिडोर एक रूट होता है, जिसमें कई शहर शामिल होते हैं।