किसी भी बाहरी खतरे को भांप लेता है खुफिया तंत्र, बेहद ही गुपचुप तरीके से होता है काम

ऐसे कई मौके आए हैं जब खुफिया विभाग द्वारा सेना को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया हो। जैसे ही सेना अलर्ट हो जाती है दुश्मनों की प्लानिंग भी फेल हो जाती है।

Indian Army

प्रतीकात्मक तस्वीर।

Indian Army: ऐसे कई मौके आए हैं जब खुफिया विभाग द्वारा सेना को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया हो। जैसे ही सेना अलर्ट हो जाती है, दुश्मनों की प्लानिंग भी फेल हो जाती है। 

भारतीय सेना (Indian Army) सरहद पर देश की रक्षा के लिए दिन रात डटी रहती है। सेना हमेशा अलर्ट रहती है और किसी भी बाहरी खतरे का माकूल जवाब दे सकती है। दुश्मन देश भी इस बात को बखूबी जानते हैं। भारतीय सेना अकेले काम नहीं करती, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए एक पूरा तंत्र काम करता है।

इस तंत्र में खुफिया विभाग की भी अहम भूमिका होती है। भारत का खुफिया तंत्र बेहद ही चालाकी से बाहरी खतरों को भांप लेता है और सेना को अलर्ट करता रहता है। ऐसे कई मौके आए हैं जब खुफिया विभाग द्वारा सेना को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया हो। जैसे ही सेना अलर्ट हो जाती है दुश्मनों की प्लानिंग भी फेल हो जाती है।

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सेना एक ऐसा अभेद किला तैयार कर लेती है जिसे दुश्मन पार नहीं पा सकते। खुफिया विभाग ऐसी जानकारियां जुटाने में माहिर होता है जो कि अलग-अलग स्रोतों से प्राप्त होती हैं। नए जमाने में हर देश ने जासूसी के लिए खुफिया एजेंसियों की स्थापना की है जिनका काम सरकार, राजनीतिक दल या महत्वपूर्ण शख्स की जासूसी करना होता है।

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भारत के लिए यह काम खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ (RAW) करती है। इसके अलावा भारतीय सेना (Indian Army) की टूटू रेजीमेंट अन्य रेजीमेंट से बेहद ही अलग है। इस रेजीमेंट के जवानों को बेहद ही चालाक, गोपनीय माना जाता है। इस रेजीमेंट के बारे में पब्लिक डोमेन में ज्यादा जानकारियां उपलब्ध नहीं हैं। इसकी वजह है इस रेजीमेंट का बेहद ही गोपनीय तरीके से काम करना।

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