डिफेंस कॉरिडोर क्या होता है? इसके बारे में यहां जानें विस्तार से

डिफेंस कॉरिडर के जरिए सेना से जुड़े सामान का निर्माण किया जाता है। दरअसल डिफेंस कॉरिडोर एक रूट होता है, जिसमें कई शहर शामिल होते हैं।

Defense Corridor

सैन्य खर्च के मामले में भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा देश है।

डिफेंस कॉरिडर (Defense Corridor) के जरिए सेना से जुड़े सामान का निर्माण किया जाता है। दरअसल, डिफेंस कॉरिडोर एक रूट होता है, जिसमें कई शहर शामिल होते हैं।

भारतीय सेना (Indian Army) को सशक्त और एडवांस बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाते रहे हैं। यही वजह है कि आज हमारी सेना दुनिया की सबसे घातक सेनाओं में से एक मानी जाती है। सेना के पास एक से बढ़कर खतरनाक हथियार हैं। सैन्य खर्च के मामले में भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा देश है।

सेना को सशक्त बनाने के लिए डिफेंस कॉरिडोर (Defense Corridor) भी बनाए जाते हैं। डिफेंस कॉरिडर के जरिए सेना से जुड़े सामान का निर्माण किया जाता है। दरअसल, डिफेंस कॉरिडोर एक रूट होता है, जिसमें कई शहर शामिल होते हैं।

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इन शहरों में सेना से जुड़े जरूरी सामान को बनाने के लिए इंडस्ट्री-उद्योग विकसित किया जाता है। डिफेंस कॉरिडो किन रूट्स पर होगा यह सैन्य अधिकारी अपने विवेक के अनुसार तय करते हैं। कई कंपनियां इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनती हैं।

इनके जरिए भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र की विदेशी निर्भरता को कम किया जाता है।  कॉरिडोर बनने के बाद यहां हथियारों से लेकर वर्दी तक के सामानों का निर्माण किया जाता है।

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विश्व के कई देशों द्वारा डिफेंस कॉरिडोर (Defense Corridor) का निर्माण किया जाता रहा है। यही वजह है कि कई विकसित देशों की सेनाएं काफी एडवांस हैं। भारत में फिलहाल उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में डिफेंस कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं।

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