इस तरह इंडियन आर्मी के पहले भारतीय अध्यक्ष बने केएम करिअप्पा, दिलचस्प है किस्सा

कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा इंडियन आर्मी (Indian Army) के पहले भारतीय अध्यक्ष  थे। वे केएम करिअप्पा (K M Cariappa) के नाम से विख्यात थे। आजादी के बाद भारतीय सेना का भारतीयकरण करने का श्रेय करिअप्पा को ही दिया जाता है।

K M Cariappa

The Unforgettable Field Marshal Cariappa

Field Marshal Kodandera Madappa Cariappa: करिअप्पा (K M Cariappa) किस तरह सेना की सबसे बड़े पद तक आसीन हुए इसके पीछे का किस्सा भी बड़ा दिलचस्प है। 

कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा इंडियन आर्मी (Indian Army) के पहले भारतीय अध्यक्ष  थे। वे केएम करिअप्पा (K M Cariappa) के नाम से विख्यात थे। आजादी के बाद भारतीय सेना का भारतीयकरण करने का श्रेय करिअप्पा को ही दिया जाता है। केएम करिअप्पा को 15 जनवरी 1949 में  भारत का सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था।

उन्होंने 1947 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में सेना की कमान संभाली थी। करियप्पा के जनरल पद पर नियुक्ति के दिन को हर साल ‘सेना दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। करिअप्पा (K M Cariappa)  किस तरह सेना की सबसे बड़े पद तक आसीन हुए, इसके पीछे का किस्सा भी बड़ा दिलचस्प है।

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दरअसल, आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू सेना के उच्च अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की कमान फिलहाल ब्रिटिश अधिकारी के पास ही रहे क्योंकि किसी भी भारतीय अधिकारी को सेना को लीड करने का अनुभव नहीं।

मीटिंग में मौजूद एक अधिकारी ने इसपर तुरंत जवाब देते हुए कहा कि देश संभालने का अनुभव तो आपको भी नहीं है। फिर क्या था नेहरू उस शख्स की बात को काट नहीं पाए। इसी दौरान उस शख्स ने अपने पास मौजूद करिअप्पा (K M Cariappa) का नाम सुझाया।

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पूर्व पीएम नेहरू ने भी विचार विमर्श करने के बाद करिअप्पा को देश का पहले आर्मी अध्यक्ष बना दिया। ऐसे में फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे। बता दें कि करियप्पा पहले ऐसे ऑफिसर थे जिन्हें फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी। 

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