जब Indian Army ने श्रीनगर से लेकर कुपावड़ा तक घुसे कबाइलियों और पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ा
भारत और पाकिस्तान आजादी के बाद अलग-अलग हो गए। धर्म के नाम पर आपस में अलग होने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) भारत की हर वो चीज हड़पना चाहता था जो बेशकीमती है।
1971 का युद्ध: पूर्वी पाकिस्तान में पाक फौज करती थी आम नागरिकों का दमन, भारतीय सेना ने ऐसे सिखाया था सबक
पूर्वी पाक में लोग परेशान थे और भारत की तरफ कूच कर रहे थे। भारत में शरणार्थी संकट बढ़ता ही जा रहा था। लिहाजा पाक के साथ दिसंबर 1971 में युद्ध छिड़ गया।
Kargil War 1999: पाकिस्तानी सेना ने कारगिल पर चढ़ाई के लिए भेजे थे 5 हजार से ज्यादा जवान
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल (Kargil War 1999) क्षेत्र में भीषण लड़ाई लड़ी गई थी। युद्ध में भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तानी सैनिकों को बुरी तरह से हराया था।
War of 1965: भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर पहाड़ियों पर किया था कब्जा, पढ़ें शौर्यगाथा
भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में लड़े गए युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान में घुसकर उसकी पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना के इस कदम से पाकिस्तानी सेना बुरी तरह से घबरा गई थी।
War of 1971: …जब भारतीय सेना ने ढींगे हांकने वाली पाक सेना के 90 हजार सैनिकों को बनाया बंदी
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में युद्ध (War of 1971) लड़ा गया था। यह युद्ध बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) की आजादी के लिए लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था।
War of 1971: हमारे 54 सैनिक अब भी पाकिस्तानी जेलों में हैं बंद, इसमें 30 सैनिक थल सेना के और 24 वायु सेना से
War of 1971: सैनिकों के परिवारों को आज भी अपनों का इंतजार है। सालों से इसी उम्मीद में परिवार राह देख रहा है कि एक दिन उनका अपना लौट कर आएगा।
Kargil War: पहली सैलरी लेने से पहले ही युद्ध में शहीद हो गया यह जवान
Kargil War 1999: वह अपनी पहली सैलरी लेने से पहले ही शहीद हो गए थे। कालिया सेना में कैप्टन का रैंक हासिल करने के एक माह बाद देश के लिए शहीद हो गए थे।
कारगिल में लड़ा गया था पाकिस्तान के खिलाफ 1999 का युद्ध, जानें इस जगह के बारे में सबकुछ
Kargil War 1999: कारगिल जिला 1999 में भारत पाक के बीच हुई लड़ाई का पर्याय बन गया था। वैसे यह स्थान मुख्य से बौद्ध पर्यटन केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है।
क्या होते हैं बंकर? LoC पर रहनेवाले नागरिकों के लिए हैं बेहद अहम
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। युद्ध में भीषण गोलीबारी और बमबारी हुई थी।
Kargil War: …जब Indian Army से डरकर पाकिस्तान ने लगाई अमेरिका से गुहार, मिला ये जवाब
कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़कर पाकिस्तान (Pakistan) को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन साथ ही साथ अमेरिका (America) ने भी उसका साथ देने से साफ इनकार कर दिया था।
युद्ध में टैंकों की होती है बेहद खास अहमियत, कई टैंक मिलाकर एक बख्तरबंद मोर्चा हो जाता है तैयार
टैंक एक तरह की बख्तरबंद लड़ाकू गाड़ी होती है। जिसे फ्रंट-लाइन से निपटने के लिए डिजाइन किया जाता है। टैंकों पर आम गोला बारूद का कोई खास असर नहीं होता।
1971 की जंग: इन वजहों से शुरू हुई थी भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी
पूर्वी पाकिस्तान (Pakistan) में रेप, लूट, हत्याएं होने लगी तो लोग भारत में शरणार्थी बनकर पश्चिम बंगाल, असम में आकर बसने लगे थे। एक करोड़ से ज्यादा पूर्वी पाकिस्तान के लोग भारत में घुस चुके थे।
Kargil War: इन हथियारों की जीत में रही अहम भूमिका, दुश्मनों को कर दिया था चारों खाने चित्त
बोफोर्स का युद्ध में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया था। करीब दो महीने चले इस युद्ध में 27 किलोमीटर तक गोले दागने वाली बोफोर्स तोपों को बखूबी इस्तेमाल हुआ।
Kargil War: शहीद सतबीर सिंह की शहादत से प्रेरणा लेकर बेटा भी सेना में हुआ भर्ती, जानें आखिरी पत्र में क्या कहा था
शहीद सतबीर सिंह ने शहादत से महज 15 दिन पहले ही अपनी पत्नी को खत लिखा था। खत में उन्होंने गेहूं कटाई शुरू होने से पहले आने की बात कही थी।
Kargil War: बच्चे के जन्म पर छुट्टी लेकर घर जाने वाले थे सुखबीर सिंह, उससे पहले ही हो गए देश पर कुर्बान
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का भीषण युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में हमारे एक-एक जवान ने भारत मां की रक्षा की थी। युद्ध में कई जवान घायल हुए तो कुछ ने शहादत दी।
War of 1965: पहली बार जंग के मैदान में उतरी थी भारत और पाकिस्तान की वायुसेना, दुश्मनों का सबकुछ कर दिया था तहस-नहस
भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 (War of 1965) में लड़े गए युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) की जांबाजी की मिसाल आज भी दी जाती है।
Kargil War: सबसे ज्यादा बहादुरी सम्मान पाने वाली बटालियन के अधिकारी थे ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर
चुनौतियों को दरकिनार कर कई जवान दुश्मनों के कैंप में घुसने में सफल हुए थे। इनमें से एक जवान थे ब्रिगेडियर खुशाल सिंह। उन्होंने दुश्मनों को भारी नुकसान पहुंचाया था।