Bunker
बंकर (Bunker) सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया की फौजें बनाती हैं। एक तरह से ये बंकर बॉर्डर पर लड़ने वाले सिपाहियों के टेम्परेरी घर ही होते हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। युद्ध में भीषण गोलीबारी और बमबारी हुई थी।
युद्ध के चलते पाकिस्तान से सटी 814 किमी लंबी एलओसी (LoC) अर्थात लाइन ऑफ कंट्रोल से सटे गांवों में रहने वाले लाखों परिवार दहशत में थे। ये परिवार उस समय तो खौफ में थे ही लेकिन आज भी उसी तरह खौफ में रहने के मजबूर हैं।
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इन परिवारों की तरफ से लगातार बंकर बनाए जाने की मांग की जाती है। लोगों का कहना है कि पाकिस्तान कभी सुधरने वाला नहीं है और वह आज तक सीजफायर (Ceasefire) का उल्लंघन करता आ रहा है लिहाजा सरकार प्रत्येक परिवार को बंकर (Bunker) बनाकर दे। गोलीबारियों में सेना के जवानों के साथ आम नागरिक मारे जाते हैं या घायल हो जाते हैं।
बंकर होते क्या हैं?
बंकर एक रक्षात्मक सैन्य किलेबंदी है जिसे लोगों को गिरने वाले बम या अन्य हमलों से बचाने के लिए डिजाइन किया जाता है। जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों जैसे की सांबा, जम्मू, कठुआ, पुंछ और रजौरी में कई बंकर बनाए गए हैं।
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बंकर (Bunker) ब्लॉक के विपरीत और भूमिगत होते हैं। लोग गोलीबारी या बमबारी के दौरान इनमें घुसकर खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। बंकर सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया की फौजें बनाती हैं। एक तरह से ये बंकर, बॉर्डर पर लड़ने वाले सिपाहियों के टेम्परेरी घर होते हैं।
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मालूम हो कि पाकिस्तान की तरफ से की जाने वाली भारी गोलाबारी की वजह से एलओसी के गांवों से लोगों का पलायन अब आम बात हो गई है। ऐसे में लोगों की तरफ से तो ये तक कहा जा रहा है कि परिवारों को भोजन, सड़क, बिजली और पानी से ज्यादा जरूरत बंकरों (Bunker) की है।
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