शहीद सुखबीर सिंह।
Kargil War: सरहद पर दुश्मनों की गोलियों के बीच लिखे गए इस खत में उन्होंने यह जानकारी दी थी कि वे छुट्टी लेकर घर आने वाले हैं। उन्होंने खत में लिखा था कि वे अपने बच्चे के जन्म लेने के बाद ही घर आएंगे।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का भीषण युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में हमारे एक-एक जवान ने भारत मां की रक्षा की थी। युद्ध में कई जवान घायल हुए तो कुछ ने शहादत दी। ऐसे ही एक जवान थे गांव रूखी में 1 अप्रैल, 1976 को जन्में सुखबीर सिंह (Sukhbir Singh)। उन्होंने महज 23 साल की उम्र में देश के नाम अपनी शहादत लिख दी थी।
उन्होंने युद्ध में शानदार प्रदर्शन किया था। शहादत से पहले उन्होंने दुश्मनों को भारी नुकसान पहुंचाया था। युद्ध में पाकिस्तान के जवानों पर वह एक-एक पल भारी पड़े थे। महज 18 साल की उम्र में इंडियन आर्मी (Indian Army) में भर्ती होने वाले सुखबीर सिंह बेहद ही बहादुर थे। शहादत से पहले उन्होंने परिवार को एक खत लिखा था। इस खत में उन्होंने ऐसी जानकारी साझा की थी जो किसी को भी भावुक कर दे।
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सरहद पर दुश्मनों की गोलियों के बीच लिखी गए इस खत में उन्होंने यह जानकारी दी थी कि वे कब छुट्टी लेकर घर आने वाले हैं। उन्होंने खत में लिखा था कि वे अपने बच्चे के जन्म लेने के बाद ही घर आएंगे। उन्होंने कहा था कि बच्चे को देखने के लिए बेहद ही उत्सुक हैं। उन्होंने यह अंतिम पत्र पत्नी चंदा देवी को लिखा था। उनकी पत्नी ने इसके बाद एक बेटे को जन्म दिया था। लेकिन युद्ध की वजह से शहीद सुखबीर सिंह अपने छोटे बेटे को नहीं देख पाए।
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बता दें कि कारगिल क्षेत्रों में सर्दियों कड़ाके की ठंड पड़ती है। दोनों देश हमेशा की तरह इस दौरान अपनी सेनाएं पीछे हटा लेते हैं। पर 1999 में भारत ने तो ऐसा किया पर पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया। बताया जाता है कि पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ की जानकारी एक चरवाहे ने भारतीय सेना को दी थी। इस चरवाहे का नाम ताशी नामग्याल है।
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